मणिपुर के अधिकारियों ने नागरिकता विधेयक के खिलाफ लगातार हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर इंफाल पूर्वी और इंफाल पश्चिमी जिलों में अनिश्चितकाल के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। नागरिकता विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में रखा जा सकता है। मणिपुर की राजधानी इंफाल का कुछ हिस्सा इंफाल पूर्वी और इंफाल पश्चिमी दोनों जिलों में आता है।
अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों जिलों में सोमवार की रात सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दी गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह सहित विधायकों एवं मंत्रियों के आवासों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
दोनों जिलों में सड़कें वीरान नजर आईं। पुलिसकर्मियों को लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को निषेधाज्ञा के बारे में सूचित करते देखा गया। उनसे घरों के भीतर रहने की अपील की गई है। सुरक्षा बलों ने प्रमुख सड़कों पर बैरीकेड लगा दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बाजारों, स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों को बंद कर दिया गया है।
विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक आज राज्यसभा में रखे जाने की संभावना है। पूर्वोत्तर में इस विधेयक का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है। भाजपा के कई सहयोगी दलों ने भी इस विधेयक का विरोध किया है। बीते आठ जनवरी को लोकसभा में इसे पारित किया गया था। केंद्र सरकार ने कहा है कि वह संसद के मौजूदा बजट सत्र में इसे पारित कराने का प्रयास करेगी। इस विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान किए जाने का प्रावधान है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के जनजातीय समुदाय के लोगों को डर है कि यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाने के बाद क्षेत्र की जनांकिकी पर नकारात्मक असर पड़ेगा और उनकी पहचान एवं जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी। इस बीच, जिरीबाम जिले में नागरिकता विधेयक के विरोध में बुलाया गया 36 घंटे का बंद अभी भी जारी है जिससे सोमवार की सुबह पांच बजे से ही आम जनजीवन प्रभावित है। कई संगठनों की संयुक्त इकाई पीपुल्स अलायंस मणिपुर (पीएएम) ने यह बंद बुलाया है।