नई दिल्ली। मोदी सरकार पार्ट-2 के पहले बिल के लोकसभा में पेश होने के साथ ही विवाद शुरू हो गया है। लोकसभा में हंगामें के बीच रविशंकर प्रसाद ने इन्स्टैंट ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी बनाने के लिए बिल पेश किया। जिसके बाद इसके समर्थन और विरोध का सिलसिला शुरू हो गया। अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से सांसद आजम खान इस मुद्दे पर कहां चुप रहने वाले थे। उनसे जब इस मसले पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह और उनकी पार्टी सिर्फ उन्हीं बातों का समर्थन करते हैं और मानते हैं जो कि कुरान में लिखी है।
आजम ने इस पूरे मामले को धार्मिक बताते हुए कहा कि इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। आजम खान ने तीन तलाक के मसले को धार्मिक बताते हुए कहा कि मुसलमानों के लिए कुरान से बढ़कर कुछ भी नहीं है। शादी के लिए, तलाक के लिए ऐसी सभी बातों के लिए कुरान में साफतौर पर निर्देश दिए गए हैं और हम उनका पालन करते हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह संविधान विरोधी व आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन है। ओवैसी ने सबरीमाला का मुद्दा उठाते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं से हमदर्दी है तो केरल की हिंदू महिलाओं से मोहब्बत क्यों नहीं? आखिर सबरीमाला पर आपका रुख क्या है?