झारखंड के मंत्री चंद्रवंशी के काले कारनामे!

झारखंड के मंत्री चंद्रवंशी के काले कारनामे!

अरुण कुमार चौधरी
रांची : इस समय झारख्ांड में आरोप-प्रत्यारोप का दौड़ शुरू हो गया है। इसकी वजह यह है कि आगामी तीन-चार महीनें में झारखंड विधानसभा का चुनाव होने वाला है। इस चुनाव में भाजपा तथा अन्य दल एक-दूसरे पर किचड़ उछालने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं और इसके साथ-साथ यह भी सत्य है कि झारखंड के सरकार के कई मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और इसमें सबसे ऊपर स्वास्थ्य मंत्री चंद्रवंशी जी का ही नाम आमलोगों के बीच में है और ऐसे तो श्री चंद्रवंशी राजद से भाजपा आये हैं और विधायक के साथ-साथ जाति के कोटे से मंत्री भी बन गये। पलामू प्रमंडल में दलबदलू नेताओं का एक बहुत बड़ा फौज बना हुआ है। जिसमें प्राय: 50प्रतिशत राजनेता दल-बदलकर सत्ता सुख के लिए पलटी मारते रहते हैं इसमें सबसे प्रमुख भाजपा के वर्तमान विधायक तथा अपने को दलित नेता कहने वाले राधाकिशोर कई पार्टियों के दरवाजे के नतमस्तक देकर अभी भाजपा के विधायक बने हुये हैं और श्री किशोर और चंद्रवंशी में छत्तीस का आंकड़ा है। ये दोनों पार्टी के अनुशासन के लक्ष्मण रेखा को पार कर एक-दूसरे पर भद्दी-भद्दी टिप्पणियां करते रहते हैं। जिसके कारण लोगों का कहना है कि किसी भी समय दोनों के समर्थकों के बीच में कोई बड़ी वारदात तथा खूनी संघर्ष भी हो सकता है। दोनों के दोनों नेता दलबदलू तथा भ्रष्टाचार के सारी ऊंचाइयों को छुये हुये हैं। पलामू के जनता बीच चर्चा है कि अभी राधाकृष्ण किशोर का पलड़ा भारी है क्योंकि पलामू से ही उनके अपने बहनोई बीडी राम को पुन: सांसद बनने में फिर सफलता मिल चुकी है और इन्हीं सब कारणों के कारण एक बीडियो वायरल हुआ है जिसमें खुलेआम चंद्रवंशी अपनी कमीशन मांग रहे हैं। इस वीडियो का वायरल एक दैनिक पत्र ने जारी किया है।
गढ़वा जिले की बरडीहा पंचायत का आदर गांव। यहां स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के एक कार्यक्रम का वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो से सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया। वीडियो में श्री चंद्रवंशी एक शख्स से रुपये लेते दिख रहे हैं। फिर वह उसमें से कुछ रुपये ग्रामीण को देते हैं और बाकी अपने हाथ में रख लेते है।
वायरल वीडियो में वह बोल रहे हैं : हमको 15 दे देना, एसी 35 इसको दे देना दरअसल इस गांव में गुरुवार को मंत्री एक सड़क का शिलान्यास करने पहुंचे थे। दिन के करीब 3।30 बजे कार्यक्रम आयोजित था। वीडियो की बातचीत में साफ है कि गांव में एक चबूतरा बनाने की मांग ग्रामीणों ने की।
मंत्री उसी सिलसिले में पैसे बांटते दिख रहे हैं। इस दौरान वह अपने सरकारी अंगरक्षक रामचंद्र यादव से रुपये लेकर एक ग्रामीण को दे रहे हैं। साथ ही इसमें मंत्री को यह कहते सुना जा रहा है कि लो और कल से काम शुरू कर दो। जब पैसा आ जायेगा, तो उसमें से 35 रख लेना और यह 15 हजार रुपये मेरा लौटा देना। यह वीडियो सोशल मीडिया के अलावा फेसबुक पर चल रहा है। इधर मामला सार्वजनिक होने के बाद मंत्री श्री चंद्रवंशी ने गढ़वा में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि यह सब उन्हें बदनाम करने की साजिश है। मंत्री का कहना था कि उनके अच्छे काम को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने चबूतरा बनाने के लिए ग्रामीण को पैसे दिये। मंत्री ने आरोप लगाया कि गांव के ही राहुल ठाकुर और सतीश यादव ने मिलकर वीडियो बनाया है। इधर वीडियो बनानेवाले राहुल ठाकुर को बरडीहा थाना पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। बरडीहा पुलिस के अनुसार हिरासत में पूछताछ के दौरान राहुल ने बताया कि उसने मंत्री के कार्यक्रम का वीडियो बनाकर सिर्फ बरडीहा ग्रुप में डाला था। उसने वीडियो डालने के अलावा उसमें कुछ भी लिखने से इनकार किया है। पुलिस राहुल का मोबाइल जब्त कर जांच कर रही है। मंत्री के प्रतिनिधि दिवाकर दूबे उर्फ चंचल दूबे ने गढ़वा एसपी को आवेदन देकर सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो डालकर लोगों को गुमराह करनेवाले राहुल ठाकुर एवं सतीश यादव पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
घटना के समय कौन-कौन थे : वीडियो में मंत्री के प्रतिनिधि दिवाकर दूबे, मझिआंव थाना प्रभारी विनय कुमार, बरडीहा थाना प्रभारी राम, भाजपा बरडीहा मंडल अध्यक्ष मृत्युंजय पासवान, मझिआंव मंडल अध्यक्ष उमा यादव सहित भाजपा कार्यकर्ता व पुलिस के जवान दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब 50000 रुपये आप सब को मिल जायेगा तो 35000 रुपये रख लीजियेगा और उस चंदा में से नकद 15000 रुपये लौटा दिजियेगा। दिवाकर दूबे ने एसपी को लिखे पत्र में यह भी लिखा है कि उक्त सभी बातों का आदर गांव के राहुल ठाकुर ने विडियो बनाया, तत्पश्चात, उसके विडियो को तोड़ मरोड़कर सतीश यादव ने मंत्री की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से वायरल कर दिया, अत: जांचोपरांत इन दोनों व्यक्तियों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध भी एसपी, गढ़वा से किया गया है। बुद्धिजीवियों का कहना है कि मंत्री का प्रेस कांफ्रेस भी शक के घेरे में हैं, जो पत्र उनके कार्यकर्ता एसपी को भेजे हैं, उस पत्र से भी यहीं पता चलता है कि कही न कही गड़बड़ हैं, क्योंकि पत्र में साफ लिखा है कि पचास हजार का चंदा दिलवाने का आश्वासन खुद मंत्री दे रहे हैं और उसी चंदा से वे पन्द्रह हजार रुपये मांग भी रहे हैं, तो मंत्री खुद बताए कि वे चंदा दिलवा रहे थे, या चंदा के नाम पर ग्रामीणों को लोन। जनता को चंदा दिलवाने का आश्वासन देना और फिर उस चंदे में से पन्द्रह हजार रुपये का डिमांड करना तो, उससे भी बड़ा गुनाह है। इधर मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के खासमखास दिवाकर दूबे ने एसपी गढ़वा को भेजे पत्र में लिखा है कि मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी जब आदर गांव गये थे, तभी ग्रामीणों के द्वारा उनके समक्ष चबूतरा निर्माण का मांग रखा गया, मंत्री ने उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए ग्रामीण सीताराम रजवार को 15 हजार रुपये नकद दिये, और 50 हजार रुपये चंदा दिलवाने का आश्वासन दिया और
क्या है वीडियो में : मंत्री कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते हैं, जहां कुर्सियां लगी हैं। वह एक कुर्सी पर बैठ जाते हैं। सूचना के मुताबिक वहां चबूतरा निर्माण का शिलान्यास होना है। कुर्सी पर बैठने के बाद मंत्री जी को कोई संभवत: प्रसाद देता है। मंत्री जी प्रसाद खाते हैं फिर किसी को आवाज देते हैं। अपने प्रेस कांफ्रेस में उन्होंने कहा कि यह विडियो उनके विरोधियों द्वारा उनकी छवि को धूमिल करने के लिए तोड़-मरोड़कर वायरल किया गया है। उनका कहना था कि कि आदर गांव में वे विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के लिए गये थे, वहीं पर रजवार जाति के कुछ लोगों ने चबूतरा निर्माण की बात की थी, जिसमें चंदा लेकर पचास हजार रुपये से चबूतरे बनाने की बात हुई, इसी दौरान उन्होंने अपने बॉडीगार्ड से पन्द्रह हजार लिये और एक व्यक्ति को उन्होंने दिया तथा कहा कि जब पचास हजार हो जायेगा तो पैतीस हजार तुमलोग रख लेना और पन्द्रह हजार मुझे दे देना, बस इतनी सी बात थी। जिसे तोड़-मरोड़कर उनके विरोधियों ने जनता के समक्ष बात का बतंगड़ बना दिया, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वे अपने कार्यकर्ता दिवाकर दूबे के माध्यम से एसपी को एक पत्र भिजवाया है, जिसमें एसपी को इस मामले में संज्ञान लेने तथा केस करने को कहा है, उन्होंने इस प्रकरण में दो लोगों का नाम लिया झ्र आदर गांव के राहुल कुमार ठाकुर का तथा कभी भाजपा में ही रहे खटीहा गांव के सतीश कुमार यादव का, उनका कहना था कि उनकी लोकप्रियता से विपक्षी घबरा गये हैं, और उनके छवि को धूमिल करने के लिए इस प्रकार का प्रयास कर रहे हैं, जबकि विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि मंत्री की बातों पर कोई विश्वास नहीं करेगा, क्योंकि विडियो स्पष्ट सब कुछ कह दे रहा हैं। फिरोजी शर्ट पहने शख्स मंत्री के हाथ में पहले शायद 35 हजार देता है। मंत्री उस प्रौढ़ के हाथ में वह पैसा देते हैं और कहते हैं कि जाओ कल से काम लगाओ। प्रौढ़ व्यक्ति मंत्री के पैर छूता है। वहीं फिरोजी शर्ट वाला व्यक्ति फिर से मंत्री के हाथ में पैसा (शायद 15 हजार) देता है। मंत्री उसे लेकर खड़े होते हैं व कहते हैं चलिये। फिर वहां से चल देते हैं।

साजिश में भाजपा से निकाले गये लोग शामिल : चंद्रवंशी
इधर गढ़वा में पत्रकारों से स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि कुछ लोगों ने उन्हें बदनाम करने की साजिश की है। उनके अच्छे कार्य को भी गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। वह गुरुवार को बरडीहा प्रखंड के आदर गांव में सड़क योजना का शिलान्यास करने गये थे। इसी दौरान रजवार समाज के लोगों ने उनसे बघौता बाबा के पास चबूतरा निर्माण की मांग की। उन्होंने उनकी मांग को मानते हुए 50 हजार रुपये चंदा दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने अपने पास से तत्काल कार्य शुरू करने के लिए सीताराम को यह कहकर 15 हजार रुपये दिये कि पैसा आ जाने पर 35 हजार रुपये रख लेना और मेरे 15 हजार रुपये लौटा देना। जिस समय यह बात हो रही थी उस समय जिला प्रशासन के पदाधिकारियों सहित गांव के कई लोग उपस्थित थे। मंत्री का कहना था कि उस समय गांव के ही राहुल ठाकुर और सतीश यादव ने यह वीडियो बनाया है। इसमें उनके किसी विरोधी की कोई साजिश नहीं है, बल्कि भाजपा से निष्कासित पूर्व मंडल अध्यक्ष सतीश यादव उन्हें बदनाम करने का प्रयास कर रहा है।

मंत्रीजी ने हमसे लेकर रुपये दिये : अंगरक्षक
मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के सरकारी अंगरक्षक रामचंद्र यादव ने कहा कि वह मंत्रीजी के साथ हमेशा रहता है। वे नगद राशि अपने पास नहीं रखते हैं। उनको कहीं नगद राशि की जरूरत पड़ती है, तो वह हमारे पास ही रहता है। चबूतरा निर्माण के लिए मंत्रीजी ने हमसे मांगकर सीताराम रजवार को 15 हजार रुपये दिये थे।
चबूतरा बनाने के लिए मंत्रीजी ने रुपये दिये हैं : सीताराम रजवार ने कहा कि उसने अपने गांव के बघौता बाबा के पास चबूतरा बनाने के लिए मंत्री जी से सहयोग मांगा था। इसपर मंत्रीजी ने कहा था कि चलो वहीं आकर देंगे। कल जब मंत्रीजी आये तो उन्होंने एक व्यक्ति से पैसा लेकर उन्हें दिया और कहा कि यह 15 हजार रखो और कल से काम शुरू करो।

जब पैसा आ जायेगा तो 35 हजार रुपये रख लेना और हमारा पैसा 15 हजार रुपये लौटा देना।

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