भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान को इंटरनेशनल कोर्ट (आईसीजे) से झटका लगा है. पाकिस्तानी वकील ने आज आईसीजे से सुनवाई टालने की मांग की थी, जिसे आईसीजे ने ठुकरा दिया. आईसीजे ने एडहॉक जज की नियुक्ति की पाकिस्तानी मांग को दरकिनार कर पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान को अपना बयान पढ़ने के लिए कहा. पाकिस्तान ने एडहॉक जज की नियुक्ति होने के बाद सुनवाई के लिए आग्रह किया था.
पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच आईसीजे में जाधव मामले की सुनवाई हो रही है. सोमवार को भारत ने अपना पक्ष रखा था. भारत की तरफ से वकील हरीश साल्वे पेश हो रहे हैं. आज पाकिस्तान अपना पक्ष आईसीजे में रख रहा है.
सुनवाई के दौरान विक्टोरियन अंग्रेज़ी और पूरे आरोह-अवरोह के साथ बोल रहे पाकिस्तानी वकील खावर कुरैशी को जज बेंच के अध्यक्ष जज यूसुफ ने दो बार कहा कि जरा धीरे बोलिए. हमें आपको सुनने और समझने में काफी तकलीफ हो रही है.
खावर कुरैशी ने लंबा हिस्सा यह कहने में बिताया कि किस तरह जाधव के पास से बरामद चीज किस तरह सही है. इसके लिए पाकिस्तान ने एक ब्रिटिश एक्सपर्ट डेविड वेस्टगेट की रिपोर्ट का भी सहारा लिया.
पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने पीएम नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल का नाम लिया. अनवर मंसूर खान ने कहा कि खुद मैं एक युवा पाक सेना अधिकारी के तौर पर भारत का युद्धबंदी रहा हूं, मैंने अत्याचार देखे हैं.
अटॉर्नी जनरल ने एक प्रेजेंटेशन दिया और इस दौरान इस्लामाबाद में भारत के पूर्व उप उच्चायुक्त जेपी सिंह की चिट्ठी को अपने प्रेजेंटेशन में सार्वजनिक किया.
भारत ने सोमवार को सुनवाई के पहले दिन भारत ने आईसीजे से अपील की कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को दिये गये फांसी की सजा को निरस्त किया जाए और उनकी तत्काल रिहाई के आदेश दिये जाएं.
जाधव भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में ‘जासूरी और आतंकवाद’ के आरोप में एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.