लोजपा के मुखिया रामविलास पासवान ने कई माह पहले ही घोषणा कर दी थी कि इस बार वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। बात तय हुई कि वे राज्यसभा जाएंगे। इसके बाद शुरू हुई उम्मीदवार की तलाशी। दरअसल रामविलास पासवान के लिए हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र पुश्तैनी सीट है। वे वहां से किसी फैमिली मेंबर को ही खड़ा करने की सोच रहे हैं। लेकिन मुश्किल तब खड़ी हो गई, जब चिराग को लेकर रामविलास पासवान ने खुद ही कह दिया कि वे जमुई सीट नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में हाजीपुर की सीट को लेकर लोजपा में रीना पासवान या फिर पशुपति कुमार पारस के नाम से आगे बात नहीं बढ़ रही है।
उम्मीद जतायी जा रही है कि अंत में जब कोई नया नाम नजर नहीं आएगा, तो लोजपा रीना पासवान को ही रामविलास पासवान की जगह हाजीपुर से मैदान में उतारेगी। कहा जा रहा है कि सात मार्च तक इस बारे में लोजपा के स्तर पर फाइनल निर्णय ले लिया जाएगा।
रीना पासवान को स्वयं रामविलास पासवान ने एक बार हाजीपुर के लिए कहा था। पर, वह सक्रिय राजनीति में आने से इनकार करती रही हैैं। उनके पुत्र व लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी एक बार यह कहा है कि जब उनके पिता रामविलास पासवान की बात से उनकी मां रीना पासवान सहमत नहीं हुईं, तो फिर उनकी क्या बिसात जो उन्हें समझा सकें। बीच में मामला यह भी आगे बढ़ा था कि चिराग पासवान जमुई की जगह हाजीपुर से मैदान में उतरेंगे। लेकिन, खुद रामविलास पासवान ने यह स्पष्ट कर रखा है कि चिराग जमुई से ही चुनाव लड़ेंगे।
हाल के दिनों में लोजपा के अंदरखाने में यह चर्चा तेज हुई है कि रीना पासवान को ही हाजीपुर से मैदान में उतारा जाए। उनकी मिलनसार छवि का भी पार्टी के लिए फायदे की बात कही जा रही है। इसके अतिरिक्त वह काफी दिनों से नियमित तौर पर हाजीपुर संसदीय क्षेत्र के लोगों के संपर्क में भी रही हैैं।
रीना पासवान अगर तैयार नहीं हुईं तो रामविलास के छोटे भाई और पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस को हाजीपुर से से लड़ाया जाएगा। वैसे पारस की लोकसभा चुनाव लडऩे में दिलचस्पी नहीं है। पार्टी के संगठन से जुड़े कार्यों में उनकी विशेष दिलचस्पी है। हालांकि लोजपा ने यह तय किया हुआ है कि परिवार के बाहर हाजीपुर सीट नहीं जाए।