पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर फिदायीन आतंकी हमले के पांच दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बयान में कहा कि भारत सबूत दे तो वह कार्रवाई करने को तैयार हैं. इमरान ने बातचीत का प्रस्ताव रखा, लेकिन साथ में एक तरह से धमकी देने से बाज नहीं आए. उन्होंने कहा कि जंग शुरू करना आसान है, लेकिन उसे खत्म करना इंसान के वश में नहीं रह जाता. यदि जंग हुआ तो पाकिस्तान इसका करारा जवाब देगा.
इमरान ने कहा कि पुलवामा हमले में जैश-ए-मोहम्मद के शामिल होने के बारे में अगर भारत सबूत दे तो वह कार्रवाई करने को तैयार हैं. भारत बिना किसी सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है. उन्होंने दावा किया कि नए पाकिस्तान में दहशतगर्दी के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार रहा है और आतंकवाद की वजह से देश के 70,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि जब भी वह बातचीत का मसला उठाते हैं तो भारत पहले आतंकवाद पर बातचीत करने की शर्त रख देता है. हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन भारत को यह देखना होगा कि कश्मीर में क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में आम चुनाव आने वाले हैं, इसलिए जंग का माहौल बनाया जा रहा है.
पिछले हफ्ते गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमला जम्मू-कश्मीर के 30 साल के खूनी इतिहास में सबसे बड़ा हमला है, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. जबकि इसकी जवाबी कार्रवाई में सोमवार को 1 मेजर समेत 5 जवान शहीद हो गए. इस लिहाज से साल 2019 में अब तक 45 जवान शहीद हुए.
जानकारों का मानना है कि पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों और सेना पर जवाबी हमले का दबाव बढ़ेगा. बड़ी रणनीतिक प्रतिक्रिया के लिए रक्षा, आतंरिक सुरक्षा और खुफिया क्षेत्र में सतत रणनीतिक तैयारी की आवश्यकता है.
भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए उसको दिया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया. इसके अलावा वहां से आयातित सामान पर 200 फीसदी ड्यूटी लगा दी थी. पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने के लिए भी भारत पूरी तरह से मुस्तैद है.