झारखंड में ई-सिगरेट पर पाबंदी लगा दी गई है। अब इसे बेचने या पीने पर कैद होगी। जुर्माना भी लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। सरकार ने माना है कि ई-सिगरेट में लेड, क्रोमियम और निकेल जैसे धातु और फार्माल्हिाडेड जैसे रसायन हैं।
यह धूम्रपान रोकने के नाम पर निकोटिन के इस्तेमाल का नया तरीका है। यह गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास पर प्रतिकूल असर डालता है। मानसिक विकास की समस्या जैसी कई बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार है। इसलिए इसके निर्माण, बिक्री (ऑनलाइन सहित), वितरण, व्यापार, विज्ञापन, उपयोग और आयात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाता है।
इसके दो भाग हैं- कस्टमाइजर और बैट्री। कस्टमाइजर में कार्टिज और ऑटोमाइजर होता है। कार्टिज के आखिर में निकोटिन वाला लिक्विड होता है। ऑटोमाइजर, निकोटिन युक्त लिक्विड को धुआं बनने तक गर्म करता है। बैट्री, डिवाइस को पावर व एलईडी लाइट देती है। पीने वाला लिक्विड की कश लेता है। लिक्विड ऑटोमाइजर से धुआं बनने के बाद हलक में उतरता है। इसे रिचार्ज करते हैं। ज्यादातर बिक्री ऑनलाइन होती है।