झारखंड में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए विपक्षी महागठबंधन ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू साेरेन ने राजधानी रांची के मोराबादी मैदान स्थित आवास पर कांग्रेस, झाविमो आदि घटक दलों की मौजूदगी में महागठबंधन की सीटों का एलान किया। कयासों के विपरीत यहां विपक्षी गठबंधन में किसी सीट पर फ्रेंडली फाइट नहीं होगी। सीटों के बंटवारे से पर्दा हटाते हुए गुरुजी ने विपक्षी दलों के खाते वाले संसदीय क्षेत्रों की घोषणा की। इस दौरान सभी दलों की ओर से यह साफ कहा गया कि कोई दल एक-दूसरी पार्टियों के बागी प्रत्याशी को कतई समर्थन नहीं करेगा। ऐसी स्थिति में महागठबंधन पर पुनर्विचार होगा।
झारखंड की कुल 14 सीटों में से कांग्रेस को सात, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 4, बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा को दो और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को एक सीट दी गई है। हालांकि दिशोम गुरु के एलान के वक्त महागठबंधन की बैठक में राजद का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। राजद को सिर्फ एक सीट दी गई है। विपक्षी महागठबंधन की इस बैठक में एक मुस्लिम प्रत्याशी को राज्यसभा भेजने की घोषणा भी की गई। इस गठबंधन से वाम दल को चलता कर दिया गया है।
महागठबंधन में रांची, खूंटी, लोहरदगा, सिंहभूम, हजारीबाग, धनबाद और चतरा सीट कांग्रेस को दी गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में दुमका, राजमहल, गिरिडीह और जमशेदपुर सीट आई है। कोडरमा और गोड्डा सीट झाविमो को दी गई है। जबकि पलामू सीट राजद के लिए छोड़ा गया है। पलामू में यूपीए का कोई उम्मीदवार नहीं होगा। सीटों के एलान के समय शिबू सोरेन के साथ बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे। महागठबंधन की सीटों के बंटवारा के समय राजद के गायब रहने से हालांकि महागठबंधन में दरार की बात भी कही जा रही है।
अभी तक की तैयारियों के अनुसार झामुमो, कांग्रेस, झाविमो और राजद के वरिष्ठ नेताओं को एक साथ इसकी घोषणा करनी थी। लेकिन ऐन वक्त पर राजद गच्चा दे गया। कांग्रेस को सात, झामुमो को चार, झाविमो को दो और राजद एक सीट मिली है। वामपंथी को महागठबंधन से अलग कर दिया गया है।