त्रिपुरा में विपक्षी वाम मोर्चे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शनिवार की जनसभा के दौरान राज्य मंत्री मोनोज कांती देव द्वारा उनकी मंत्रीमंडलीय साथी को गलत तरीके से छूने के लिए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वाम मोर्चे पर चरित्र हनन का आरोप लगाते हुए उसकी मांग को ठुकरा दिया.
वाम मोर्चे के संयोजक बिजन धर ने संवाददाताओं से कहा, “जिस मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देव और अन्य लोग जनसभा संबोधित कर रहे थे उस मंच पर एक महिला मंत्री को गलत तरीके से छूने के लिए मोनोज कांती देव को बर्खास्त कर गिरफ्तार कर लेना चाहिए.” उन्होंने कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया साइट्स पर यह सार्वजनिक रूप से देखा गया कि देव ने समाज कल्याण और सामाजिक शिक्षा मंत्री संतना चकमा की कमर पर हाथ रखा था. चकमा एक युवा आदिवासी नेता हैं. हालांकि, एनडीटीवी इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
उन्होंने कहा, “देव ने त्रिपुरा मंत्रीमंडल की एक मात्र महिला मंत्री के शील, पवित्रता और मर्यादा को सार्वजनिक मंच पर नुकसान पहुंचाया है जहां प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति मौजूद थे.”
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के केंद्रीय समिति के सदस्य धर ने दावा किया कि 11 महीने पहले त्रिपुरा में भाजपा के सत्ता में आने के बाद जहां कई युवा और अधेड़ महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहा है, उनकी हत्या हो रही है, वहीं सार्वजनिक मंच पर हुआ यह मामला बेहद निंदनीय और दंडनीय है. कुछ आदिवासी दल भी मंत्री के इस्तीफे और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर जल्द ही आंदोलन करने की कोशिश कर रहे हैं.
खाद्य, युवा मामले और खेल मंत्रालय देख रहे देव से फोन पर बात की लेकिन उत्तरी त्रिपुरा स्थित अपने गृहनगर कमालपुर से उन्होंने इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया. भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने हालांकि कहा कि भाजपा सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं मिलने के बाद वाम मोर्चा ने अब झूठे और बिना मतलब के मुद्दों पर भाजपा मंत्रियों का चरित्र हनन शुरू कर दिया है. उन्होंने सवाल किया, “महिला मंत्री ने कभी वाम दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर बयान या शिकायत नहीं की. वाम दल गंदी राजनीति क्यों कर रहे हैं?”.