झारखंड में लोकसभा टिकट के दावेदारों की बड़ी तादाद ने सियासी दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उम्मीदवारों पर फैसला टेढ़ी खीर हो गया है। भाजपा, कांग्रेस और झामुमो में अभी तक टिकट तय नहीं हो पाया है। होली के बाद इसकी संभावना है।
भाजपा की दौ बैठकें दिल्ली में हो चुकी हैं। दोनों बार मुख्यमंत्री रघुवर दास शामिल हुए। इसके बाद भी उम्मीदवारों के अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका। अब इसे होली के लिए टाल दिया गया है। आधा दर्जन सांसदों के टिकट कटने का भी खतरा है। इसलिए एक-एक सीट पर उम्मीदवार चुनने में मशक्कत की जा रही है।
भाजपा के प्रदेश नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को संभावित उम्मीदवारों की सूची सौंपकर पल्ला झाड़ लिया है। अभी तक किसी भी सीट पर नाम नहीं तय हो सका है। राज्य की 14 सीटों में भाजपा 13 पर चुनाव लड़ रही है। झामुमो ने एक सीट आजसू के लिए छोड़ी है। आजसू भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाई है और इसे 23 मार्च तक के लिए टाल दिया है।
कांग्रेस में सीटों की घोषणा में अभी तक वामदलों से गठबंधन का पेंच फंसा है। इस कारण फैसला नहीं पाया है। यहां भी दावेदारों की सूची लंबी है। पार्टी को सात सीटों पर चुनाव लड़ना है। दो सौ से अधिक नेताओं ने आवेदन दिए हैं। हर सीट पर चार-पांच प्रमुख दावेदार भी हैं।
महागठबंधन के तहत झामुमो के खाते में चार लोकसभा सीटें मिली हैं। दुमका से शिबू सोरेन और राजमहल से विजय हांसदा फिलहाल पार्टी के सांसद हैं। बाकी दो सीटों जमशेदपुर और गिरिडीह में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। इस कारण उम्मीदवारों की घोषणा होली तक के लिए टाल दी है। 24 मार्च को महागठबंधन में सीटों के बंटवारे की औपचारिक घोषणा होगी। इसके बाद उम्मीदवारों का ऐलान होगा।
सीटों का बंटवारा
एनडीए
भाजपा- 13, आजसू- 1
महागठबंधन
कांग्रेस- 7, झामुमो- 4, झाविमो-2, राजद-1