वन नेसन वन इलेक्सन जल्दबाजी में कराने की जरूरत क्यों पड़ी : ब्रजेंद्र सिंह

गोमो। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है की भाजपा की सरकार एक नंबर के नकलची का काम करती है और कांग्रेस पार्टी जो भी अच्छा काम किया है उसी का नाम बदलकर केवल अपना चेहरा चमकाने के लिए आतुर रहती है। वन नेशन वन इलेक्शन कोई मोदी जी देश में पहली बार नहीं ला रहे हैं देश जब आजाद हुई तो पूरे देश में 1952 में पहली बार जवाहरलाल नेहरू जी के नेतृत्व में लोकसभा और विधानसभा दोनों का चुनाव साथ-साथ हुआ था उसके बाद 1957, 1962 और 1967 में भी अंतिम बार देश में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ हो चुका है लेकिन 1968 से देश की कई विधानसभा में सरकार गिरने लगे और बारी-बारी से मध्यवर्ती चुनाव होने लगे जिसके चलते धीरे-धीरे एक साथ चुनाव संभव नहीं हो पाया अभी जो मोदी सरकार 5 दिनों का संसद का सत्र बुलाया है इसके लिए सरकार ना तो विपक्षी पार्टियों को ना तो किसी से राय मशवरा की और ना ही अपने पार्टी के किसी नेताओं को जानकारी तक दी इसी को तो हिटलर साही कहा जाता है असल बात है असली बात यह है की इसी वर्ष देश में पांच राज्यसभा का चुनाव होने जा रहे हैं और पांचो राज्य से भाजपा का सफाया होना तय है जिसके चलते भाजपा विचलित हो गई है और एन केन प्रकारें वह हर साल में चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है लेकिन संभव नहीं दिखता है और यही कारण है कि मोदी सरकार इतनी जल्दबाजी में संसद का सत्र बुलाया और देश में उथल-पुथल वातावरण बनाकर चुनाव कराने के नाम पर हर हालत में चुनाव जीतने के लिए व्याकुल है लेकिन जनता काफी होशियार है समझ रही है कि देश में महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार जैसी चीजों के लिए मोदी सरकार कुछ भी नहीं की है आने वालों दिनों में इंडिया जीतेगी।

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