कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने आज अपराह्न 04ः30 बजे झारख्ंाड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, काॅंग्रेस भवन, रांची में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। प्रदेश काॅंग्रेस मुख्यालय, काॅंग्रेस भवन, राॅंची में काॅंग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि कल का दिन ऐतिहासिक था, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष, श्री राहुल गांधी ने कल भारत के 5 करोड़ गरीब परिवारों, यानि 25 करोड़ लोगों के लिए ‘न्याय – न्यूनतम आय योजना’ (न्यूनतम आय की गारंटी देने वाली योजना) की घोषणा की। यह कोई ‘टाॅप-अप स्कीम’ नहीं है, बल्कि सारे गरीब परिवारों को सालाना 72,000 रु. मिलेंगे। यह योजना शहरी एवं ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों के गरीब परिवारों के लिए लागू होगी।
मोदी सरकार ने ‘आर्थिक सर्वे 2016-17’ में स्वीकारा है कि कांग्रेस शासन के दौरान भारत में गरीबी कम हुई थी । स्वतंत्रता के वक्त जो गरीबी 70 प्रतिशत हुआ करती थी, वह 2011-12 के दौरान घटकर केवल 22 प्रतिशत ही रह गई है। कांग्रेस ने न्याय योजना बची हुई 20 प्रतिशत गरीबी का उन्मूलन करने के लिए बनाई गई है।
72,000 रु. परिवार की महिला के बैंक खाते में डायरेक्ट जमा होंगे। सूट बूट वाले प्रधानमंत्री मोदी और उनके अयोग्य वित्तमंत्री, अरुण जेटली की गरीब-विरोधी सोच का पर्दाफाश उस समय हो गया, जब उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी गरीबी-उन्मूलन योजना का कड़ा विरोध किया।
छल-कपट व पाखंड से ओत-प्रोत, मोदी जी खुशी से मुट्ठीभर पूंजीपति मित्रों का 3.17 लाख करोड़ तो माफ कर सकते हैं, लेकिन गरीबों को 6000 रु. प्रतिमाह दिए जाने का विरोध करते हैं। छल-कपट व पाखंड से ओत-प्रोत, मोदी जी बैंक के घोटालेबाजों – विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी आदि को भगाने में सहयोग कर सकते हैं, जो बैंकों का 1 लाख करोड़ रुपया लेकर फरार हो गए, लेकिन गरीबों को 6000 रु. प्रतिमाह दिए जाने का विरोध करते हैं।
छल-कपट व पाखंड से ओत-प्रोत, मोदी जी 10 लाख रु. का सूट तो पहन सकते हैं, लेकिन गरीबों को 6000 रु. प्रतिमाह दिए जाने का विरोध करते हैं। छल-कपट व पाखंड से ओत-प्रोत, मोदी जी अपनी 89 विदेश यात्राओं में देश की जनता की मेहनत की कमाई के 2010 करोड़ रु. तो खर्च कर सकते हैं और 6,000 करोड़ रु. स्वयं के प्रचार के लिए खर्च कर सकते हैं, लेकिन गरीबों को 6000 रु. प्रतिमाह दिए जाने का विरोध करते हैं।
छल-कपट व पाखंड से ओत-प्रोत, मोदी जी अपने पूंजीपति मित्र को 30,000 करोड़ रु. का राफेल काॅन्ट्रैक्ट तो दे सकते हैं, लेकिन गरीबों को 6000 रु. प्रतिमाह दिए जाने का विरोध करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी शुरु से ही गरीब विरोधी रहे हैं:-
- मोदी जी ने कांग्रेस-यूपीए के महात्मा गांधी नरेगा का विरोध किया, जिससे करोड़ों गरीब परिवारों को लाभ मिला था।
- मोदी जी ने नए भूमि अधिग्रहण कानून में बाजार पर आधारित मुआवजे का विरोध करके इसे कमजोर कर दिया।
- मोदी जी ने कांग्रेस-यूपीए के खाद्य सुरक्षा कानून का विरोध करके इसे कमजोर कर दिया।
- मोदी जी ने वन अधिकार कानून और पेसा को कमजोर कर दिया तथा करोड़ों आदिवासियों को उनके वन के पट्टों से वंचित कर दिया।
- मोदी जी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर किसानों को ‘कीमत$50 प्रतिशत मुनाफा’ देने का विरोध किया।
- मोदी जी ने किसानों का कर्ज माफ करने का विरोध किया।
- मोदी जी ने दलित-आदिवासी कानून को कमजोर करने की कोशिश की।
- मोदी जी ने सर्वाधिक पिछड़े राज्यों में दलित-आदिवासी सब-प्लान को समाप्त कर दिया।
- मोदी जी द्वारा लाई गई नोटबंदी की आपदा से करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी छिन गई।
- मोदी जी ने ‘गब्बर सिंह टैक्स’ (जीएसटी) लगाया और एमएसएमई, व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को बर्बाद कर दिया।
क्योंकि मोदी जी गरीबों के कल्याण के लिए किए जाने वाले हर काम और हर योजना का विरोध करते हैं! इसलिए अब देश की जनता ‘न्याय’ करेगी और भाजपा सरकार के कुशासन का अंत करेगी।
इस अवसर पर मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर, राजीव रंजन प्रसाद, लाल किशोर नाथ शाहदेव, आलोक कुमार दूबे, शमशेर आलम, डाॅ0 एम0 तौसिफ, कुमार राजा, रवीन्द्र सिंह मौजूद थे।