बिशेष प्रतिनिधि द्वारा
पटना: एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है। कुछ विपक्षी पार्टियों ने भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। इसी बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी की है और सुर्ख़ियों में आ गये हैं।
मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा है कि “राष्ट्रपति भवन में कोई मूर्ति नहीं चाहिए। आपने यशवंत सिन्हा को बोलते हुए कई बार सुना होगा, लेकिन एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को आपने कभी सुना है? मैंने तो कभी भी उनकी आवाज नहीं सुनी है। जबसे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनी हैं तब से लेकर अभी तक एक प्रेसवार्ता तक नहीं की हैं।’
तेजस्वी यादव के इस बयान पर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि ‘मुख्यमंत्री बनने से पहले आवाज तो राबड़ी देवी जी की भी किसी ने नहीं सुनी थी, लेकिन वो CM बनी ना।’ विनोद कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘भैया एक मोदीजी है जो बोलने वाले हैं तो उन्हें तो झेल नहीं पा रहे हो। अगर राष्ट्रपति भी बोलने वाला आ गया तो तुम्हारी क्या हालत होगी? वैसे एक डॉ अब्दुल कलाम को छोड़कर कौन सा राष्ट्रपति अब तक बोलने वाला लगा?’
संदीप दास नाम के यूजर ने लिखा कि ‘एक आदिवासी महिला जो राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं, जिसे श्रेष्ठ MLA का पुरस्कार मिल चुका है, जो एक राज्य की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। उसकी काबिलियत को नीचा दिखाना और अपमानित करना एक गंभीर अपराध है।’ दीपक कश्यप नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आगे भी उनकी आवाज नहीं सुनने वाले । तनाशाह को कोई ऐसा व्यक्ति नहीं चाहिए जो उससे कोई प्रश्न करे बल्कि उसे रबर स्टैम्प चाहिए।’
बता दें कि 19 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होने वाली है। इसके बाद उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है। एनडीए की तरफ से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया गया है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आयोग ने छह अगस्त की तारीख तय की है। देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को समाप्त हो रहा है।