गणेश झा
पाकुड़/पाकुड़ नगरपालिका बोर्ड की मंशा फलीभूत हुई होती तो पाकुड़ कालीतल्ला स्थित रानीदिघी पटाल पोखर में एक पार्क बन गया होता। तकरीबन 90 लाख रुपये खर्च होने के बाद भी न तो तालाब का सुंदरीकरण हुआ न ही पार्क बन सका। अब पालिका इसमें कोई रुचि भी नहीं ले रही है। पार्क के अंदर विकास इस प्रकार हुआ कि विकास छिटकर के नीचे भी आ गया है। लोगों के बैठने की सुविधा के लिए टाइल्स बेंच बनाया गया।था लेकिन बेंच की टाइल्स उखड़ कर गायब हो गई और कई जगह से टूट-फूट भी गई है,पार्क के अंदर टहलने के लिए सड़क निर्माण भी कराया गया था, लेकिन सड़क भी कई जगह से फट गई है। सुंदरीकरण के नाम पर ऐसा देखने को कुछ मिल नहीं रहा। चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है, कई जगह जंगल-झाड़ हो गई है, आपको बताते हुए चले कि किसी सरकारी योजना का अगर काम हो तो 5 साल तक उसका मेंटेनेंस भी करवाया जाता है, लेकिन पार्क के अंदर फिर किसी पदाधिकारी ने दोबारा मुड़कर नहीं देखा। संवेदक द्वारा करवाई गई घटिया कार्य आज नागरिकों को एवं मोहल्ले वासियों को झेलना पड़ रहा है, इससे साफ प्रतीत यही होता है कि सरकारी पैसों का बंदरबांट करने के लिए किसी भी योजना पर काम होता है, संवेदक द्वारा कराए गए घटिया कार्य को लेकर जनता दल यू के जिला अध्यक्ष गौतम मंडल ने माननीय मुख्य सचिव, माननीय मुख्यमंत्री, जिला उपायुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद पाकुड़ को इसकी शिकायत की है, और अभियंता पर उचित कार्रवाई करने को लेकर मांग भी की हैl