बोकारो : गोमिया के रजडेरवा गांव में प्रवासी मजदूर रेशका हेम्ब्रम का शव पहुंचने पर ग्रामीणों ने मुआवजा न मिलने पर एंबुलेंस को बंधक बना लिया। मृतक की पत्नी ने कंपनी पर सहयोग न करने का आरोप लगाया। मुखिया और पंचायत सदस्यों के समझाने और संवेदक द्वारा 70 हजार और बकाया वेतन भेजने के बाद मामला शांत हुआ। कंपनी ने बीमा राशि भी जल्द भेजने का आश्वासन दिया।मजदूर का शव पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने किया प्रदर्शनमुआवजा न मिलने पर एम्बुलेंस चालक को बनाया बंधकसंवाद सहयोगी, गोमिया। गोमिया प्रखंड के सुदूरवर्ती चुट्टे पंचायत अंतर्गत रजडेरवा गांव निवासी सह प्रवासी मजदूर रेशका हेम्ब्रम (50) का शव रविवार सुबह एंबुलेंस से पैतृक गांव लाया गया। शव पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया।एंबुलेंस और चालकों को बनाया बंधकवहीं, ठेका कंपनी के संवेदक की ओर से शव के साथ उचित मुआवजा राशि नहीं भेजने पर मृतक के रिश्तेदार व ग्रामीण आक्रोशित हो गए और एंबुलेंस संख्या जीजे 23एटी 6650 तथा गुजरात के दो चालक क्रमशः सुनील पटेल व विपुल पटेल को बंधक बनाकर एम्बुलेंस को वापस गुजरात लौटने से रोक दिया।इस दौरान स्वजनों ने शव को भी एंबुलेंस से नहीं उतारा। घटना की सूचना पर पहुंचे पंचायत के मुखिया रियाज अहमद व पंसस अजय कुमार रविदास, बिनोद महतो, जगदीश महतो उर्फ टाइगर ने मजदूर संतोष के असामयिक मौत पर दुख जताया और आक्रोशित भीड़ को शांत कराने का प्रयास किया।
बोकारो में शव लेकर आई एंबुलेंस व चालकों को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, मुआवजा मिलने पर छोड़ा
