News Agency : ये पहला ऐसा बजट भाषण है जिसमें से बजट निकल गया और सिर्फ भाषण ही भाषण रह गया. आर्थिक सुधारों की बात जरूर कही गई है.मेरी हमेशा से मान्यता रही है कि बजट तो संख्याओं का और राशियों का विषय है. इतनी आय होगी. वो किस-किस मद में कहां (खर्च की) जाएगी. कितना विकास के लिए खर्च होगा और कितना मेंटिनेंस के लिए खर्च होगा. तो कैसे निर्णय किया जाए कि ये (बजट) अर्थव्यवस्था को, खासकर खेती की व्यवस्था को, गतिशीलता देने का कुछ काम करेगा. अंतरिम…
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