नवंबर, 2016 में भारत सरकार ने 85 फ़ीसदी मूल्य के नोटों को चलन से हटाने का फ़ैसला रातोंरात लिया. 500 और 1000 रुपये के नोटों को अवैध करार कर दिया गया. भारत सरकार की ओर से कहा गया कि इस फ़ैसले से लोगों की अघोषित संपत्ति सामने आएगी और इससे जाली नोटों का चलन भी रुकेगा. ये भी कहा गया कि इस फ़ैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी पर निर्भरता कम होगी. इस फ़ैसले के नतीजे मिले जुले साबित हुए. नोटबंदी से अघोषित संपत्तियों के सामने आने के सबूत नहीं के बराबर…
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