News Agency : इन सारे सवालों के जवाब आपको तब पता चलेंगे जब आप एक खेतिहर मज़दूर, मिस्त्री , ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मज़दूरों की आंखों में झांककर देखेंगे. उनके हाथों को छूकर देखेंगे.उस ज़मीन पर खड़े होकर देखेंगे जहां वह लकड़ी की चप्पल पहनकर भट्ठी में कोयला झोंकते हैं.ये भारत के उन करोड़ों असंगठित मज़दूरों की कहानी है जो 45 से 50 डिग्री सेल्सियस पर कड़ी धूप में काम करते हैं ताकि अपना और अपने बच्चों का पेट पाल सकें.लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ की हालिया रिपोर्ट कहती…
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