अलोक कुमार नई दिल्ली : सोवियत संघ के आखिरी शासक मिखाइल गोर्बाचेव मॉस्को से सटे कलचुगा में मुस्कुरा रहे होंगे जहां उनका घर है। संघ के विघटन तक भारत के साथ दोस्ती का हाथ मजबूती से थामे रहे गोर्बाचेव दो मार्च को 92 साल के हो गए। मुस्कुराना लाजिमी है क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध ने दुनिया की तस्वीर बदल दी है। भारत की तटस्थता को रूस का साथ माना जा रहा है। गोर्बाचेव सोच रहे होंगे इतिहास दोहराया जा रहा है। ख्रुश्चेव, ब्रेझनेव से लेकर गोर्बाचेव तक सोवियत संघ के सारे…
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