पंकज कुमार श्रीवास्तव एक दिन प्रसिद्ध गीतकार और शायर साहिर लुधियानवी से एक नौजवान शायर ने मुलाकात की। नौजवान शायर के लटके चेहरे को साहिर ने पढ़ा और पूछा-क्या बात है,बरखुरदार!उदास दिख रहे हो?” उस नौजवान शायर ने बताया-दिन मुफल्लिसी में गुजर रहे हैं,किसी काम के अभाव में जीना दूभर हो रहा है। साहिर बोले-ज़रूर!यह फ़कीर देखेगा कि क्या कर सकता है!फिर पास रखी मेज़ की तरफ इशारा किया- हमने भी बुरे दिन देखें हैं!फिलहाल इसे रख लो! उस नौजवान शायर ने देखा-मेज़ पर दो सौ रुपए थे। उस नौजवान…
Read More