आलोक कौशिक, शैक्षिक सत्र शुरू हो गया है। निजी स्कूलों ने अभिभावकों को ठगने के लिए दुकानें सजा ली हैं। अभिभावक स्कूलों की बढ़ी फीस और वार्षिक शुल्क से परेशान हैं हीं, वहीं बाजार से अधिक दाम पर पाठ्य पुस्तक, ड्रेस आदि स्कूलों से खरीदना भी उनकी मजबूरी बन चुकी है। स्कूलों के आगे लंबी कतारें लगने लगी हैं। नामांकन का समय आ गया है। अभिभावकों को देखकर लगता है कि वे कितने तनाव में हैं। कभी आपने भी ऐसा तनाव झेला होगा। पहले ऐसी मारामारी नहीं थी। आज पढ़ाई…
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