ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी गेंद तक खिंचे कम स्कोर वाले पहले टी-20 मैच में रविवार को भारत पर तीन विकेट से रोमांचक जीत दर्ज करके दो मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाई. भारत ने पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (36 गेंदों पर 50 रन) के अर्धशतक से पहले नौ ओवरों में 76 रन जुटाए. लेकिन, महेंद्र सिंह धोनी (37 गेंदों पर नाबाद 29) की मौजूदगी के बावजूद वह आखिरी के 11 ओवरों में केवल 50 रन ही बना सका और इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने उसे सात विकेट पर 126 रन पर रोक दिया.
इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ग्लेन मैक्सवेल (43 गेंद पर 56) और डार्शी शॉर्ट (37 गेंद पर 37) के बीच तीसरे विकेट के लिए 84 रन की साझेदारी से एक समय आसान जीत की तरफ से बढ़ रहा था. लेकिन, भारत ने शानदार वापसी की. जसप्रीत बुमराह (16 रन देकर तीन विकेट) की शानदार गेंदबाजी के कारण ऑस्ट्रेलिया के सामने अंतिम छह गेंदों पर 14 रन बनाने का लक्ष्य था. उमेश यादव आखिरी ओवर करने आए. उनके सामने ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाज झाए रिचर्डसन (नाबाद सात) और पैट कमिंस (नाबाद सात) थे.
आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद में निकला मैच
इन दोनों ने उमेश पर एक एक चौका लगाया. कमिंस ने पांचवीं गेंद चार रन के लिए भेजी और अंतिम गेंद पर दो रन लेकर टीम का स्कोर सात विकेट पर 127 रन पर पहुंचाया. शिखर धवन को विश्राम दिए जाने के कारण अंतिम एकादश में जगह बनाने वाले राहुल ने अपनी पारी में छह चौके और एक लगाया. उन्होंने कप्तान विराट कोहली (17 गेंदों पर 24 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिए 55 रन जोड़े. जब ये दोनों खेल रहे थे तब लग रहा था कि भारत दमदार स्कोर खड़ा करने में सफल रहेगा. लेकिन, मध्यक्रम लड़खड़ाने और धोनी की धीमी बल्लेबाजी से टीम अच्छा स्कोर नहीं बना पाई.
धोनी ने 11वें ओवर के शुरू में क्रीज पर कदम रखा और आखिर तक टिके रहे. लेकिन, उनके बल्ले से केवल एक छक्का निकला. धोनी ने यह छक्का भी 20वें ओवर में लगाया. उन्होंने 29 रन बनाए लेकिन इसके लिए 37 गेंदें खेली. धीमी बल्लेबाजी के लिए पहले भी आलोचकों के निशाने पर इस विकेटकीपर बल्लेबाज का स्ट्राइक रेट 78.37 रहा. नाथन कुल्टर नाइल ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल गेंदबाज रहे. उन्होंने चार ओवर में 26 रन देकर तीन विकेट लिए. जेसन बेहरनडॉर्फ (16 रन देकर एक), कमिंस (19 रन देकर एक) और एडम जम्पा (22 रन देकर एक) ने उनका अच्छा सहयोग दिया.
ऑस्ट्रेलिया का स्कोर भी एक समय दो विकेट पर पांच रन था. मार्कस स्टोइनिस (पांच गेंद पर एक रन) गफलत में रन आउट हो गए जबकि उनकी जगह लेने के लिये उतरे कप्तान एरॉन फिंच को बुमराह ने पहली गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. मैक्सवेल ने उमेश पर तीन चौके तथा युजवेंद्र चहल पर छक्का और चौका लगाकर अपने इरादे जतलाए. अपना पहला टी-20 अंतरराष्ट्रीय खेल रहे मयंक मार्कंडेय भी उन पर प्रभाव नहीं छोड़ पाए. उन्होंने इस लेग स्पिनर पर लांग ऑन पर दर्शनीय छक्का जमाया.
मैक्सवेल की फिफ्टी
मैक्सवेल ने 40 गेंदों पर छठा अर्धशतक पूरा किया लेकिन इसके तुरंत बाद उन्होंने चहल की टर्न लेती गेंद पर लांग ऑफ पर कैच थमा दिया. उन्होंने अपनी पारी में छह चौके और दो छक्के लगाए. यहां से मैच का पासा एकदम से पलट गया. शॉर्ट और एस्टन टर्नर के आउट होने से मैच अचानक रोमांचक बन गया. मार्कंडेय ने दबाव में अच्छी गेंदबाजी करके 18वें ओवर में केवल पांच रन दिए. ऑस्ट्रेलिया को दो ओवरों में 16 रन की दरकार थी. बुमराह ने 19वें ओवर में केवल दो रन दिए तथा पीटर हैंडसकांब (15 गेंद पर 13) और नाथन कुल्टर नाइल (चार) को आउट करके भारतीय खेमे में उम्मीद जगा दी लेकिन उमेश आखिरी ओवर में 14 रन लुटा गए.
इससे पहले भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने तीसरे ओवर में ही रोहित शर्मा (आठ गेंदों पर पांच रन) का विकेट गंवा दिया जिन्होंने बेहरानडॉर्फ की गेंद पर स्कूप करने के प्रयास में शॉर्ट फाइन लेग पर आसान कैच दिया. भारत ए की तरफ से दो अर्धशतकीय पारियां खेलकर फॉर्म में लौटे राहुल ने तेज गेंदबाज झाए रिचर्डसन की लेंथ और धीमी गेंदों पर लगाए गए चौके और स्पिनर जाम्पा के सिर के ऊपर से लगाए गए छक्के से अपनी लय दिखाई. कोहली अपने फ्लिक, ड्राइव और स्लैश का ज्यादा देर तक प्रदर्शन नहीं कर पाए. जम्पा की गेंद पर फ्लिक करके वह लांग ऑन पर कैच दे बैठे जबकि उनकी जगह लेने के लिए उतरे ऋषभ पंत (पांच गेंद पर तीन रन) अपनी ही गलती से रन आउट हो गए.
राहुल ने नौवें ओवर की आखिरी गेंद पर छक्का लगाया था और इसके बाद गेंद बाउंड्री के बाहर जाने के लिए तरस गई. राहुल ने 35 गेंदों पर अपने टी-20 अंतरराष्ट्रीय करियर का पांचवां अर्धशतक पूरा किया, लेकिन वह इसके तुरंत बाद कुल्टर नाइल की गेंद हवा में खेलने के प्रयास में मिडऑफ पर आसान कैच दे बैठे. कुल्टर नाइल ने इसी ओवर में नए बल्लेबाज दिनेश कार्तिक (तीन गेंदों पर एक रन) की गिल्लियां बिखेरकर भारत को बैकफुट पर भेजा. क्रृणाल पंड्या (छह गेंद पर एक रन) और उमेश (चार गेंद पर दो रन) आउट होने वाले अगले बल्लेबाज थे जबकि धोनी पूरे समय रन बनाने के लिए जूझते हुए दिखे. उन्होंने इस बीच कई बार एक रन भी नहीं लिया.