एजेंसी के द्वारा, बिहार की दरभंगा लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच चल रही खींचतान में नया मोड़ आ गया है। राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने दरभंगा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इसके बाद राजद और कांग्रेस में पेंच फंस गया है क्यों कि इस सीट से कांग्रेस ने मौजूदा सांसद कीर्ति आजाद को उतारना चाहती है।सिद्दीकी ने कहा है कि दरभंगा सीट से मेरे चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी का फैसला है। दरभंगा सीट पर आखिरकार राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने दावा ठोक दिया है। कांग्रेस की ओर से भी दरभंगा सीट पर दावेदारी की जा रही थी। कांग्रेस वर्तमान सांसद कीर्ति आजाद को दरभंगा से टिकट देने पर अड़ी हुई है। कांग्रेस का दावा है कि दरभंगा सीट कांग्रेस की पारंपरिक सीट है, लेकिन राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए इस सीट पर अपना दावा ठोक दिया है।
सिद्दीकी इस मामले पर खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मधुबनी सीट ही उनकी पारंपरिक सीट रही है, लेकिन पार्टी ने उन्हें दरभंगा से चुनाव लड़ने के लिए कहा है। मधुबनी से चुनाव नहीं लडने को लेकर उन्हें मलाल जरुर रहेगा। अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा है कि अगर पार्टी चुनाव नहीं लड़ने के लिए बोलेगी तो वह चुनाव नहीं लडेंगे और अगर कहेगी तो वह चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस की ओर से दरभंगा सीट पर हो रही दावेदारी पर सिद्दिकी ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कौन क्या दावा कर रहा है इसपर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। दरभंगा सीट पर उनके चुनाव लड़ने पर कांग्रेस और कीर्ति आजाद की ओर से समर्थन नहीं मिलने पर सिद्दिकी ने कहा कि कांग्रेस महागठबंधन में है। मेरे चुनाव लड़ने का फैसला महागठबंधन की सहमति से ही होगा। जहां तक कीर्ति आजाद की बात है तो कोई भी व्यक्ति संगठन से बड़ा नहीं होता है। संगठन का फैसला ही हर नेता को मान्य होता है। वहीं, दरभंगा सीट को लेकर राजद और कांग्रेस में फंसी पेंच पर जदयू ने चुटकी ली है। दजयू एमएलसी दिलीप चौधरी ने कहा है कि राजद और कांग्रेस दोनों ही ठगबंधन की राजनीति कर रहे हैं। दोनों एक दूसरे को ठगने की कोशिश कर रहे हैं।