बैठक में लिए गए निर्णय और दिए गए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश
बाल संरक्षण अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए झारखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण अयोग,
झारखण्ड सरकार के सदस्य रूचि कुजुर और मिन्हाजुल हक ने उपायुक्त के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक किया ।
इस अवसर पर जिला सामाजिक कल्याण पदाधिकारी इंदु प्रभा खलखो, जिला शिक्षा पदाधिकारी उपेंद्र नारायण, जिला शिक्षा अधीक्षक संतोष गुप्ता, बी ई ओ नागेश्वर सिंह, डोमन मोची, एल पी ओ राकेश कुमार सिंह, सी डब्लू सी सदस्य मुन्ना कु पांडेय, डॉ भारती नयन, सविता सिन्हा, पायल सिन्हा इत्यादि उपस्थित थे। बैठक में आयोग के सदस्य द्वारा पिछले कुछ दिनों में विद्यालयों के निरीक्षण के क्रम प्रकाश में आए समस्याओ एवं उनके कारणों पर चर्चा हुई साथ ही उनके निराकरण पर विचार हुआ।
ज़िला बाल संरक्षण कार्यालय के लिए सीआरएस मद से बेहतर कार्यक्षमता के लिए एक वाहन उपलब्ध कराने की मांग की गई ताकि रेस्क्यू किये बच्चों को लाने व ले जाने में सुविधा हो सके।
सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से बाउंड्री वाल और शौचालय विहीन विद्यालय में उपायुक्त ने डीएमएफटी फण्ड से प्राथमिकता के आधार पर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा बड़कागाँव रोड चौक अवस्थित छोटे बच्चों के प्राथमिक विद्यायक की बाउंड्री वाल डीएमएफटी फण्ड से चयनित कर लिया गया है ज़िसे अविलम्ब बना लिया जायेगा।
उपायुक्त ने सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय में गर्ल्स छात्रावास का अलग भवन तैयार करने को कहा। साथ ही उपायुक्त ने शिक्षा पदाधिकारियों को विद्यालय संचालन में अक्षम एवं शैक्षणिक गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं प्रदर्शन करने वाले शिक्षको को अन्यत्र स्थानांतरित करें।
सभी विद्यालयों का प्रदर्शन के आधार पर कार्यों का आकलन करें। इसके अलावा पीने का शुद्ध पानी,खेल का मैदान और सामग्री देने पर चर्चा हुई। सरकार द्वारा किताब,कॉपी अन्य शिक्षण सामग्री के आपूर्ति की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने को कहा गया।
साथ ही सभी प्रखंड कार्यालय में बाल अधिकार संरक्षण से संबंधित शिकायतों के लिए शिकायत पेटिका लगाने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देशित किया। उपायुक्त ने बाल अधिकार और संरक्षण के लिए आयोग को पूरा सहयोग एवं टीम को सशक्त बनाने का भरोसा दिलाया। आयोग की सदस्य एवं टीम ने कहा सकारात्मक परिणाम देने की कोशिश करेंगें।