ऋतिविक कम्पनी बिना नियम कानून पालन किये पब्लिक सड़कों से करता कोयला ढुलाई

हाइवे वाहनों की मौत के तांडव से भयभीत रहते हैं राहगीर व स्थानीय लोग

मैनेजिंग के आगे नतमस्तक है जिला विभाग

संवाददाता: टंडवा, चतरा

ऋतिविक कम्पनी की कोयल ट्रांसपोर्टिंग की उठने लगी है आवाज़, अब मौत की तांडव यमदूत रूपी हाइवे की प्रकोप से आमराहगीरों तथा संडके के किनारे बसे ग्रमीणों की भय सताने लगी है। धूलकणों की जहरीले व प्रदूषित वातवरण में आवगमन करना एवं सांसें लेना मजबूरी बन गया है जिसकी वजह से दिन प्रतिदिन बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे हैं। कोल् ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों की पब्लिक मार्गो में कोल ढुलाई करने की आख़िर किसने दे रखी है छूट,क्यों नहीं लगता ट्रांसपोर्टिंग कंपनियां पर प्रतिबंध। औद्योगिक नगरी के लाखो जनता को जीना बेहाल कर मस्त नींद में क्यों सो रहे हैं विभाग व नेता,नौ इंट्री की माँग पर खानापूर्ति क्यों,चन्द रुपये की खातिर लोग हो जातें हैं सेटलमेंट देखते रहते हैं मौत की तांडव एक दिन तेरा भी आएगा पारी बड़खुर्दार मत कर तू इतना गुमान,जनता अब समझने लगी है तेरी कमान। टंडवा के ग्रामीण सड़क से ट्रांसपोर्टिंग बंद करवाने को लेकर चतरा सांसद के ऊपर  लोगों की निगाहे कर रही है इंतजार। पूर्व सांसद की कुंभकर्णी नींद के आगे ऐसे भी औद्योगिक नगरी के लोग रहते थे खफा क्या इस समस्या का हल कर न्यूवर्तमान सांसद लिखेंगे इतिहास या बने रहेगें मौन इस विषय पर लोगों कि अटकलें बनी हुई है। 

■ पूर्व प्रगति नामक कोल ट्रांसपोर्टिंग कंपनी की कोयला समाप्त होते हीं दूसरी ओर ऋतिविक कोल ट्रास्पॉटिंग कंपनी की हाइवे वाहन द्वारा हज़ारीबगा जिले के केरेडारी प्रखंड के चट्टीबारियतु माइंस से कोयला ढुलाई इन दिनों घनी आबादी क्षेत्रों के टंडवा,मिश्रौल, सिमरिया,चतरा, गिद्धौर होते हुवे कटकमसांडी साइडिंग कोयला बेधड़क ढुलाई कर रहा है।हजारीबाग जिले के मुख्य सड़कों पर चतरा जिले के भारी भरक्म हाईवे वाहन तथा ट्रक वाहनो को हजारीबाग उपायुक्त द्वारा पूर्व में प्रतिबंध लगाया गया था जो आज भी पालन किया जाता है। लेक़िन चतरा जिला होके हजारीबाग जिले की कोयला ढुलाई किया जा रहा है।जब हज़ारीबगा की कोयला की रॉयल्टी से वहाँ की विकास किया जाता है तो चतरा जिला की विनाश क्यों इस पर जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान नहीं लेने से चतरा जिला के निवासियों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। जिस पर जीला प्रशासन को नौ इंट्री लगाने में भी जिला में दो तरह की नियमों की पालन किया जा रहा है जो बहुत बड़ा प्रश्नचीन जिला प्रशासन पर उठ रहा है। ऋतिविक कंपनी के एक लाइजनर दो कम्पनियों की संभालता है कमान,मैनेजिंग के बल पर होता है कोल ट्रांसपोर्टिंग,बड़े अधिकारियों व नेताओं की रहता है संरक्षण प्राप्त,इसी लिए नहीं लगता है नौ इंट्री,हजारीबाग जिला के केरेडारी चट्टीबारियतु माइंस से टंडवा, सिमरिया,चतरा जिला होते हुवे पहुँचता है कोयला कटकमसांडी साइडिंग ये है मैनेजिंग की पॉवर,आख़िर कोयले की ढुलाई से मौत के तांडव देखने के बाद भी कोल ढुलाई पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगता,सिस्टम पर क्योंआवाज़ उठती रहती है?

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