लाखों का शौचालय सिर्फ सप्ताह भर चला, व्यवसायियों के लिए उपयोगी था शौचालय
विनय संगम,बिरनी।
भारत सरकार के स्वछ भारत योजना अंतर्गत हर घर में शौचालय हो, कोई भी खुले में शौच न जाए। योजना को सफल करने के लिए खूब प्रचार प्रसार भी किया गया । जगह जगह सामुदायिक शौचालय भी बनाया गया ताकि खुले में शौच पूरी तरह से बंद हो। ऐसी ही सामुदायिक शौचालय प्रखण्ड कार्यालय प्रांगण में तत्कालीन विधायक नागेंद्र महतो ने विधायक मद से 8 लाख 82 हजार रुपए की लागत से बनवाया था। शौचालय बनने के एक वर्ष तक इसका उद्घाटन नहीं हुआ था जिस कारण प्रयोग में नहीं था । एक साल बाद जब उद्घाटन हुआ तो मुश्किल से एक सप्ताह प्रयोग में आया होगा जिसके बाद से आज तक यह बन्द पड़ा है। प्रखण्ड कार्यालय के नजदीक बाजार के व्यवसाइयों के लिए यह शौचालय बहुत ही महत्वपूर्ण था । बाजार के व्यवसायी के साथ आम लोग इसे प्रयोग में ले सकते थे। शौचालय प्रयोग में नहीं होने के वजह से व्यवसायियों के साथ आम लोग भी प्रखण्ड कार्यालय के चारदीवारी की आड़ में शौच करते हैं । शौच के दौरान कई बार प्रखण्ड कार्यालय जाने वाले राहगीरों की नजर पड़ जाती है तब लोग झेंप जाते हैं एवं शर्मिंदगी महशुस करते हैं। शौचालय के आसपास झाडी इस तरह हो गया की कोई शौचालय जाना भी चाहे तो वह झाडी को देख अपने आप को रोक लेता है। प्रखण्ड की ओर जाने वाले सड़क बनाने के दौरान ठेकेदार ने शौचालय के आसपास मिट्टी भर दिया जिससे वहां पहुचना और भी मुश्किल हो गया अब उसी मिट्टी में झाडी उग गया है।
क्या कहते है
व्यवसायी विकास कुमार कहते हैं कि सरकार ने इतने खर्च कर शौचालय बना तो दिया परन्तु साफ सफाई एवं रख रखाव के अभाव में यह प्रयोग लाइक नहीं है।
रंजीत मोदी कहते हैं सरकार द्वारा खर्च किया गया लाखों रुपए मात्र सप्ताह भर ही चला । उद्घाटन कार्यक्रम खत्म होने के साथ ही शौचालय में लगे फलस आदि काम करना बंद हो गया ऐसा मानो ठेकेदार ने सिर्फ उद्घाटन भर के लिए यह लगाया हो ।
वीरेंद्र मोदी कहते हैं बाजार के व्यवसायी को यदि बीच मे शौच लग गया तो उसे घर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है यदि यह शौचालय शुरू हो जाता तो व्यवसायी के अलावा आने वाले ग्राहकों एवं आम लोगों को इसका फायदा मिलता । परन्तु यह किसी भी अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को नहीं दिखाई देता है।