News Agency : अमित शाह चुनाव प्रचार के आख़िरी दिन यह भी कह चुके हैं कि बीजेपी चाहेगी कि इस कुनबे में और दल जुड़ें.चुनाव नतीजे से पहले औपचारिकता के अलावा भी इस बैठक के कई और मक़सद हैं. एक, यह संदेश देने के लिए कि एग्ज़िट पोल भले ही बीजेपी को अकेले ही बहुमत हासिल करने के संकेत दे रहे हों, लेकिन सरकार एनडीए की ही बनेगी.दूसरा मक़सद मतदाताओं को संदेश देना था कि चुनाव के दौरान एनडीए के घटकों में जो एकता दिखी वह केवल चुनावी दिखावा नहीं थी. बीजेपी इस एकता को अगले पांच साल भी कायम रखना चाहती है.यही कारण है कि पार्टी ने इस बात को सुनिश्चित किया कि तीन बड़े घटक दलों शिरोमणि अकाली दल, जनता दल यूनाइटेड और शिवसेना के प्रमुख नेताओं की उपस्थिति हो.ऐसा लगता है कि बीजेपी के अलावा सबके मन में शायद एक ही चिंता थी कि अगर कहीं नतीजे एग्ज़िट पोल के उलट आए तो?आने वाले दिनों में दो स्थितियां हो सकती हैं. पहली, कि एग्ज़िट पोल के नतीजे ही असली नतीजे में तब्दील हो जाएं. ऐसी हालत में बीजेपी के सहयोगी दल बीजेपी के रहमो-करम पर होंगे.किस दल से कितने मंत्री बनेंगे और उन्हें क्या मंत्रालय मिलेगा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह तय करेंगे.सहयोगी दलों के पास शिकायत का न तो मौका होगा और न ही ताक़त. इस स्थिति से दो दलों और उनके नेताओं को सबसे ज़्यादा परेशानी होगी. पहले होंगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दूसरे शिवसेना के उद्धव ठाकरे.इन दोनों नेताओं को परेशानी सिर्फ़ इस बात से नहीं होगी कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनके दल को मन मुताबिक प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा.
Related posts
-
आजकल बाल दाढ़ी रखना भी एक अलग अंदाज है।
पुराने समय में, लोगों को बहुत बड़ी दाढ़ी पसंद नहीं थी। लेकिन अब यह एक ट्रेंड... -
पुलिस प्रेक्षक व व्यय प्रेक्षक ने संयुक्त रूप से किया चेक पोस्ट का निरीक्षण
धनबाद: पुलिस प्रेक्षक राजेन्द्र कुमार ग. दाभाडे तथा व्यय प्रेक्षक आर.ए. ध्यानी ने मंगलवार को संयुक्त... -
मतदान के लिए सभी पोलिंग पार्टियां हुईं रवाना
धनबाद के छह विधानसभा के लिए मतदान कल सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक...