विशेष संवाददाता द्वारा
रांची. नक्सलियों ने झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में 5 अप्रैल को बंद की घोषणा की है. पूर्वी रीजनल ब्यूरो माओवादी के प्रवक्ता संकेत ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि केंद्रीय कमेटी और पूर्वी रीजनल ब्यूरो सदस्य कामरेड अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ कंचन की गिरफ्तारी के विरोध में इस बंद की घोषणा की गई है.
विज्ञप्ति के मुताबिक, केंद्रीय कमेटी और पूर्वी रीजनल ब्यूरो सदस्य कामरेड अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ कंचन को हिरासत में लेकर पूछताछ के नाम पर मानसिक यातना दी जा रही है. कमजोर शारीरिक अवस्था के बावजूद इलाज की समुचित व्यवस्था और आवश्यक दवाएं मुहैया कराने में कोताही बरते जाने का आरोप विज्ञप्ति में लगाया गया है. विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि कंचन को राजनीतिक बंदी का दर्जा दिया जाए और उन्हें बिना शर्त अविलंब रिहा किया जाए. इस बंद से प्रेस, हॉस्पिटल, मेडिकल, दूध सप्लाई गाड़ी और दूध वितरण केंद्र मुक्त रहेंगे.
बता दें कि भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमिटी और पूर्वी रीजनल ब्यूरो सदस्य कंचन की गिरफ्तारी 22 मार्च को असम से हुई थी. नक्सलियों के थिंक टैंक माने जाने वाले केंद्रीय कमिटी सदस्य की गिरफ्तारी से नक्सल मूवमेंट को काफी बड़ा झटका लगा है. पिछले दिनों केंद्रीय कमिटी सदस्य प्रशांत बोस और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी भी हुई थी. झारखंड में हुई इस गिरफ्तारी के बाद कंचन की गिरफ्तारी सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. नक्सलियों के पितामह कहे जाने वाले इन नक्सली नेताओं की गिरफ्तारी से नक्सलियों की कमर टूटी है और बंद की यह घोषणा नक्सली बौखलाहट का नतीजा है.
बता दें कि नक्सलियों के बंद के आह्वान के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है. झारखंड पुलिस मुख्यालय भी इसे लेकर सभी जिलों के एसपी को दिशा निर्देश जारी कर चुका है. पुलिस की निगाह सरकार के विकास कार्यों और रेलवे ट्रैक पर विशेष रूप से है, क्योंकि ये नक्सलियों के सॉफ्ट टारगेट होते हैं. हालांकि हाल के दिनों में नक्सली संगठन कमजोर हुए हैं, ऐसे में बंद का असर ज्यादा न होने के आसार हैं. बावजूद पुलिस किसी भी तरह की कोताही बरतने के मूड में नहीं है.