कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फॉर वुमन की छात्राओं से संवाद करने पहुंचे. जब एक लड़की ने उन्हें ‘सर’ कहकर संबोधित किया तो उन्होंने फौरन रोकते हुए केवल ‘राहुल’ बुलाने के लिए कहा. उनकी इस टिप्पणी पर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा.
इसी दौरान जब राहुल गांधी से एक लड़की ने सवाल पूछा कि आपने संसद में प्रधानमंत्री मोदी को गले क्यों लगाया था?इस पर राहुल ने कहा, “प्यार हर धर्म का आधार है. मैं संसद में बैठा था. वो भाषण दे रहे थे. मुझमें उनके प्रति कोई क्रोध, कोई बैर, कटुता नहीं थी. मैं देख रहा था कि उनमें बहुत ग़ुस्सा था. वो लगातार मुझ पर और कांग्रेस पर हमला कर रहे थे. मेरी मां, मेरे पिता, मेरी दादी सभी के बारे में ऐसा बोल रहे थे कि वो ख़राब लोग थे. मुझे उनके प्रति प्रेम आ रहा था कि यह आदमी दुनिया में मौजूद प्यार को नहीं देख पा रहा है.””मैं सोच रहा था कि कम से कम मुझे उनके प्रति प्रेम तो दिखाना ही चाहिए.
राहुल ने कहा, “आप जानते हैं कि लोगों में दूसरों के प्रति प्रेम क्यों नहीं होता…. क्योंकि उन्हें प्यार नहीं मिला होता है. तो दुर्भाग्य से जिस भी वजह से उनमें जो प्यार होना चाहिए था वो नहीं दिख रहा था.”
”2014 में मैं युवा नेता था. हम चुनाव में गए. लेकिन वहां हमें हार मिली. तो मैंने सोचा कि 2014 में जब हम हारे तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी सीख थी. इससे मैंने राजनीति, लोगों को समझना और विनम्रता सीखी. हम हार गए यह दुखद था, ख़राब था लेकिन साथ ही यह बहुत अच्छी चीज़ थी.”
राहुल ने कहा, “तो कहने का मतलब यह कि मैंने नरेंद्र मोदी से सीखा है. वो ग़ुस्से में मुझ पर हमले करते हैं और उन्होंने मुझे सिखाया है कि उसी ग़ुस्से से हमला नहीं करना है. तो मैं मोदी जी से घृणा नहीं कर सकता, क्या आप जिससे सीखते हैं उस से घृणा करते हैं.”
”आपका सबसे बड़ा शिक्षक वो है जो आप पर हमले करता है, जो आपके लिए अपशब्द का उपयोग करता है. लेकिन आप उनसे तब सीख सकते हैं कि जब आप उनके जैसे व्यवहार न करें. अगर वो नफ़रत करते हैं और आप भी जवाब में नफ़रत करते हैं तो आप कुछ नहीं सीख सकेंगे. लेकिन अगर वो घृणा करें और आप उनको गले लगाएं तो आप बहुत कुछ सीखेंगे.”
इस दौरान राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते उपस्थित महिलाओं के सामने सवाल उठाया कि “आपने कितनी बार प्रधानमंत्री मोदी को इस तरह खड़े होकर 3000 हज़ार लड़कियों या लोगों के सवालों का सीधा जवाब देते देखा है? क्या आपने उन्हें इस तरह से खुले माहौल में सवालों का जवाब देते हुए देखा है?”
राहुल ने पूछा, ”आप में से कितने लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिक्षा या अन्य विषयों पर सवाल पूछने का मौक़ा मिला है? प्रधानमंत्री तीन हज़ार महिलाओं के बीच खड़े होकर उनके सवालों का जवाब देने का साहस क्यों नहीं कर पाते?”
राहुल ने कहा, “आज के भारत में विजन की कमी है. यहां अंदर ही अंदर कई लड़ाइयां चल रही हैं. हिंदु, मुसलमानों से लड़ रहे हैं. दक्षिण, उत्तर से लड़ रहा है. पूर्वोत्तर जल रहा है. इस मूड को बदलना पड़ेगा.” ”अगर देश को आगे बढ़ना है तो यहां के सभी लोगों के बराबर सहयोग के साथ. हमारी सोच यही है, कांग्रेस की सोच यही है.”
जब उपस्थित छात्राओं में से एक ने राहुल से पूछा कि कांग्रेस सरकार में आएगी तो चरमपंथी गतिविधियों को ख़त्म करने के लिए क्या उपाय करेगी?
इस पर राहुल ने कहा, “जब हम 2004 में सरकार में आए थे तब जम्मू-कश्मीर में वाजपेयी की नीतियों की वजह से उबाल था. हमने रणनीतिक रूप से चरमपंथ से लड़ने का फ़ैसला किया. हमने कई चीज़ें कीं.
सबसे पहले हमने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक रूप से अलग-थलग कर दिया. पाकिस्तान पर कश्मीर में चरमपंथियों को समर्थन नहीं देने को लेकर दुनिया भर से दबाव पड़े यह सुनिश्चित किया.
हमने जम्मू-कश्मीर में बिज़नेस भेजा. मैं ख़ुद कई बड़े उद्योगपतियों के साथ गया. हमने लोगों से बात की.” उन्होंने कहा, “हम कई सरकारी योजनाएं लेकर आए, उड़ान इनमें से एक है. हमने कश्मीरी महिलाओं को बैंक से जोड़ना शुरू किया.”
राहुल ने कहा, “2004 से 2012 के बीच हमने जम्मू-कश्मीर में चरमपंथ को ख़त्म कर दिया था. 2011, 2012 में जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ी चरमपंथी गतिविधियां नहीं हुईं. चरमपंथी गतिविधियों की वजह से लोगों की मौतों की संख्या में बड़ी कमी आई. इसकी वजह यह थी कि हमने वहां के लोगों को काम पर लगाया और अपनी तरफ़ लाने में कामयाब हुए.”
इसके साथ ही राहुल ने नरेंद्र मोदी की कश्मीर नीतियों पर भी हमला किया.उन्होंने कहा, “जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए तो उन्होंने बहुत बड़ी ग़लती की. महबूबा मुफ़्ती के साथ गठबंधन किया. दोनों पार्टियों की विचारधारा एक दूसरे से बिल्कुल अलग थी लेकिन दोनों ने सत्ता के लिए एक दूसरे का साथ दिया. आज नरेंद्र मोदी की नीतियों की वजह से कश्मीर में उबाल है, पाकिस्तान कश्मीर में चरमपंथ को बढ़ावा दे रहा है.”
राहुल ने कहा, “कश्मीर के लोगों को अपनी तरफ लाना ही होगा क्योंकि वो हमारे लोग हैं. आप चरमपंथ से केवल रणनीतिक रूप से लड़ सकते हैं. मैं भी कुछ हद तक कश्मीरी ही हूं. भारत के प्रधानमंत्री यदि कश्मीरियों को गले लगाते हैं तो वहां के लोग भी उनको गले लगाएंगे.”
इस बीच एक सवाल के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 2019 में सरकार बनने पर कांग्रेस महिला आरक्षण बिल पास करेगी. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि 33 फ़ीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.
इसी दौरान राहुल ने कहा कि एचएएल ने मिराज को बनाया जिसने पाकिस्तान में जाकर बम गिराए. हालांकि तुरंत ही उन्होंने इसे सही करते हुए यह कहा कि एचएएल ने बनाया नहीं बल्कि उसकी देखभाल की.
छात्राओं के सवालों के जवाब में राहुल ने रफ़ाल सौदे का मुद्दा भी उठाया और विमान की क़ीमतों और ख़रीद प्रक्रिया को लेकर अपने आरोप दोहराए.जब राहुल गांधी से रॉबर्ट वाड्रा पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा की जांच होनी चाहिए लेकिन रफ़ाल मामले में प्रधानमंत्री मोदी की भी जांच होनी चाहिए.
इस दौरान उन्होंने शिक्षा पर खर्च बढ़ाए जाने की बात की. उन्होंने बिहार में महिलाओं की ख़राब स्थिति की भी बात की.राहुल ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस देश के मिजाज़ को बदल देगी और लोगों को ख़ुश और सशक्त महसूस कराएगी.
(बीबीसी से साभार)