लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी बनीं राष्ट्रपति की पहली महिला ADC, नौसेना से पहली बार हुआ चयन…

नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्हें भारत के राष्ट्रपति की एड-डी-कैंप नियुक्त किया गया है। जिससे वह इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाली पहली महिला नौसेना अधिकारी बन गई हैं।यह नियुक्ति भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और उनमें बढ़ते आत्मविश्वास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।*लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी बनी राष्ट्रपति की ADC*लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी भारतीय नौसेना की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। जिन्हें राष्ट्रपति की ADC (एड-डी-कैंप) नियुक्त किया गया है।भारतीय नौसेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से शामिल हुए लेफ्टिनेंट कमांडर सोलंकी ने अपने पूरे करियर में अटूट व्यावसायिकता, नेतृत्व और परिचालन उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है।*यशस्वी सोलंकी ने बढ़ाई महिलाओं की गरिमा*राष्ट्रपति के ADC का काम राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की विभिन्न शाखाओं के बीच समन्वय करना और आधिकारिक प्रोटोकॉल सुनिश्चित करना है। राष्ट्रपति के पास आम तौर पर पाँच ADC होते हैं। जिसमें तीन सेना से, एक नौसेना से और एक वायु सेना से।यशस्वी सोलंकी की नियुक्ति उच्च सैन्य पदों पर महिलाओं के लिए अवसरों की बढ़ती उपलब्धता को दर्शाती है। सोलंकी का कदम भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका को और सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।*ADC के चयन के लिए क्या है मापदंड?*एडीसी के लिए चयन मानदंड में आमतौर पर कम से कम 5 से 7 साल की उत्कृष्ट सेवा शामिल होती है और उनकी नियुक्ति ना केवल उनकी क्षमताओं को दर्शाती है, बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता में नौसेना के विश्वास को भी दर्शाती है। एड-डी-कैंप की भूमिका राष्ट्रपति कार्यालय के कामकाज के लिए अभिन्न अंग है।एक निजी सैन्य सहायक के रूप में सेवा करते हुए, एडीसी औपचारिक कर्तव्यों में सहायता करता है, उच्च-स्तरीय जुड़ावों का समन्वय करता है, प्रोटोकॉल का प्रबंधन करता है और कार्यालय की गरिमा को बढ़ाता है।*एडीसी की भूमिका क्या है?*राष्ट्रपति के सहायक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस पद पर नियुक्त व्यक्ति को राष्ट्रपति और प्रतिष्ठान के कई अंगों के बीच समन्वय और संचार की सुविधा प्रदान करनी होती है, जिससे आधिकारिक औपचारिकताओं, बैठकों, समारोहों और प्रोटोकॉल का सुचारू संचालन सुनिश्चित होता है।उनके काम में औपचारिक कर्तव्यों में राष्ट्रपति की सहायता करना और उच्च स्तरीय कार्यक्रमों का समन्वय करना भी शामिल है। उनकी नियुक्ति देश की सैन्य उन्नति में एक प्रमुख मील का पत्थर है और यह रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में महिलाओं की प्रगति का एक प्रमुख उदाहरण बन गया है।

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