कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद कीर्ति झा आजाद शुक्रवार को पहली बार धनबाद पहुंचे, लेकिन उन्हें स्वागत की बजाय पार्टी कार्यकर्ताओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें जगह-जगह काले झंडे दिखाए और कीर्ति गो बैक के नारे भी लगाए.
धनबाद के बैंक मोड़ स्थित एक होटल में कीर्ति प्रेसवार्ता कर रहे थे तभी कुछ कार्यकर्ता आए और कीर्ति को काला झंडा दिखाकर विरोध में नारेबाजी करने लगे. हालांकि, पार्टी के अन्य नेता-कार्यकर्ताओं ने विरोध करने वालों को धक्का-मुक्की कर होटल से बाहर निकाला. इसके बावजूद होटल के बाहर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा.
इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि कीर्ति बाहरी उम्मीदवार हैं और भाजपा-आरएसएस का एजेंट रह चुके हैं. इसलिए उन्हें हम स्वीकार नहीं करेंगे. हालांकि, कीर्ति की प्रेसवार्ता में शामिल होने आए पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक और जलेश्वर महतो ने इस विरोध को गलत बताया. साथ ही विरोध करने वालों को बीजेपी प्रत्याशी पीएन सिंह का आदमी बताया.
कीर्ति आजाद ने भी इसके पीछे पीएन सिंह की साजिश का दावा किया और कहा विरोध में शामिल लोग भाजपा कार्यकर्ता थे. न्यूज-18 से खास बातचीत में कीर्ति आजाद ने भागलपुर दंगे पर सफाई देते हुए कहा कि उनके पिता या परिवार के किसी भी सदस्य का नाम उस दंगे के किसी एफआईआर में नहीं है. धनबाद की समस्या को लेकर पीएन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अब रिटायर हो जाना चाहिए. उनकी उम्र भी अधिक हो गई है. बाहरी बताए जाने के सवाल पर कहा कि मैं तो पूरा झारखंडी हूं.
प्रेसवार्ता से पहले कीर्ति झरिया के साउथ गोलकडीह जाकर गत 4 अप्रैल को छत्तीसगढ़ में शहीद हुए बीएसएफ़ के जवान इसरार खान के परिजनों से मुलाकात की. प्रेस वार्ता में उनके साथ पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक, पूर्व मंत्री ओपी लाल, पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राजेश ठाकुर, जिलाध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह समेत कई वरीय नेता मौजूद रहे.