पांच राज्यों में हार से झारखंड कांग्रेस में टूट की कगार पर —–

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची, । पूरे देश की तरह झारखंड में भी कांग्रेस के नेता हतोत्साहित हैं और वर्षों से मुख्य धारा से दरकिनार लोग अभी से पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने लगे हैं। वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी एक बार फिर शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ मुखर दिखे और कहा कि राहुल गांधी को अपने आसपास के लोगों को ठीक करना चाहिए। गलत सुझावों पर चलने के कारण पार्टी का यह हाल हुआ है। कई नेता झारखंड में भी गलत निर्णय लिए जाने की बात कर रहे हैं। विधायकों की सुनी नहीं जा रही और ऐसा ही रहा तो पार्टी के अंदर-बाहर का विरोध कभी भी विद्रोह का रूप धारण कर सकता है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के शानदार प्रदर्शन और पंजाब में आम आदमी पार्टी के हाथों मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश में भी मुश्किल में पड़ती दिख रही है। हाल में संगठन में किए गए बदलाव से नाराज लोग अब आवाज उठाने लगे हैं और ऐसा मान रहे हैं कि संगठन में सुधार नहीं हुआ तो झारखंड में भी कांग्रेस के पास कुछ नहीं बचेगा।
चुनाव परिणाम के बाद कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी का ब्लड प्रेशर लो हो गया हे। उन्हें घर पर ही आराम करने को कहा गया है। इरफान हालांकि इसे सामूहिक असफलता मानते हैं लेकिन झारखंड में भी संगठन को सतर्क रहने की सलाह देते हैं। बकौल इरफान, अभी भी संगठन को दुरुस्त नहीं किया गया तो पार्टी के सामने और खराब हालात होंगे।

Big change in Jharkhand Congress Rajesh Thakur became the new state president four working presidents were also made - झारखंड कांग्रेस में बड़ा बदलावः राजेश ठाकुर बने नए प्रदेश अध्यक्ष, चार ...

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का मत ही सर्वोपरि होता है। हम इस चुनाव परिणाम को पूरी विनम्रता एवं जिम्मेदारी से स्वीकार करते हैं। इस विषय में कोई दो राय नहीं कि चुनाव परिणाम हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है। खासकर पंजाब, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव परिणाम हमारे लिये चुनौतिपूर्ण भी है और आशा के विपरीत भी। ठाकुर ने कहा कि हम चुनाव हारे हैं पर हिम्मत नहीं और न मनोबल खोया है। हमारे कार्यकर्ता और नेताओं ने मिलकर धरातल पर कड़ी मेहनत की पर जनता का मत फिर भी हमारे पक्ष में नहीं रहा। पूरे देश और खासकर जिन राज्यों में चुनाव हुए वहां की जनता के साथ हमारा रिश्ता केवल राजनीतिक नहीं बल्कि आत्मीयता का है। हम इस रिश्ते में अधिक विश्वास और अपनापन पैदा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।

 

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