धनबाद जिला अंतर्गत माडा का स्थापना ब्रिटिश सरकार के द्वारा 1914 ईस्वी में हुई थी,जो सुचारू रूप से संचालित 1924 ईस्वी में की गई थी.इसका उद्देश्य धनबाद व, बोकारो जिला के खनिज संसाधनों का प्रबंधन और विकास व 16 आंचल शामिल है. जबकि माडा की स्थापना बिहार सरकार 1993 में खनिज क्षेत्र का विकास करना है.माडा का पूरा नाम झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकरण है. झरिया वॉटरबोड व मानिस बोड मिलाकर बनाया गया था.धनबाद औद्योगिक क्षेत्र रहा है.धनबाद कोयला का आर्थिक राजधानी है. राजस्व के मामले में भारत देश में दूसरा स्थान प्राप्त है.बीसीसीएल का स्थापना 1 जनवरी 1972 को हुई तथा जब देश में नेशनलाइजेशन हुआ बीसीसीएल और सीसीएल पूर्ण रूप से भारत सरकार के अधीन चला गया, तब धनबाद व बोकारो का पेयजल पथ,स्वास्थ्य आदि विकास का काम माडा का अधिकार क्षेत्र में चला गया.वहीं माडा स्वतंत्र बॉडी है.इसका अपना चैयरमेन,एमडी व कई कमिटियां हैं,जो धनबाद झरिया,कतरास,गोविंदपुर,पुटकी, जामाडोभा,तेतुलमारी,तोपचांची, बाघमारा,सिंदरी,बलियापुर गोविंदपुर आदि क्षेत्रों का पेयजल स्वास्थ्य,साफ सफाई आदि काम को पूर्ण रूप से करता है.धनबाद में माडा से अधिक संपत्ति किसी भी स्वतंत्र बॉडी के पास नहीं है. झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग के अधीन में है.पिछले 7 वर्षों से झामाडा के पास अपना स्थाई एमडी नहीं है.जिसके चलते विभाग का काम पूर्ण रूप से ठप है.इसी प्रदेश में जमशेदपुर शहर का शौंदरीकरण,विकास टाटा कंपनी करती है.उसी प्रकार बीसीसीएल क्षेत्र धनबाद का विकास माडा करती आ रही है. इस अवसर पर आजसू के जिला संगठन सचिव सदानंद महतो ने कहा कि माडा धनबाद के जनता का सुख सुविधा जैसे पानी,स्वस्थ फूड लाइसेंस,दुकानों का लाइसेंस,नक्शा,विकास का मुख्य रूप से माडा के द्वारा धनबाद में होता रहा है।
झामाडा के पास अपना स्थाई एमडी हो : सदानंद महतो
