लालू कुमार यादव हुसैनाबाद पलामू
हुसैनाबाद।( पलामू )-हुसैनाबाद नगर पंचायत क्षेत्र में अवैध लॉटरी का धंधा व गेसिंग गेम युवाओं और मजदूरों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। यह अवैध व विवादित कारोबार नवजवानों और आमजनों के बीच आर्थिक और सामाजिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है, जो बढ़ते खतरे की घंटी है। अवैध लॉटरी व गेसिंग गेम के द्वारा लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति की हानि हो रही है। इसमें संचालक द्वारा ऑनलाइन एक नंबर का चयन करने को बोला जाता है। अगर यह नंबर सटीक हुआ तो 12 रुपये के बदले एक सौ रुपये का भुगतान ग्राहक को किया जाता है। सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक प्रत्येक एक घंटे पर यह गेसिंग नंबर का धंधा चालू रहता है। युवा और मजदूर वर्ग इस प्रकार के अवैध व्यापार में अपने पसीने की गाढ़ी कमाई का अधिकांश हिस्सा बर्बाद कर रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि एक ओर उनकी वित्तीय स्थिति चरमरा जा रही है, वहीं दूसरी ओर संचालक मालामाल हो रहे हैं। इससे समाजिक सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। इस प्रकार के गैर-कानूनी कारोबार के कारण नगर क्षेत्र में *अमन-चैन* को भी खतरा हो रहा है। युवाओं और मजदूरों के बीच इस नए आर्थिक और सामाजिक संकट के चलते आत्मघात और अपराधिक गतिविधियों की भी वृद्धि से इंकार नहीं किया जा सकता है।हालांकि, पूर्व में पुलिस-प्रशासन द्वारा इस अवैध धंधे में लिप्त कई लोगों को जेल भी भेजा जा चुका है, लेकिन फिर भी इस धंधे पर पूर्ण रूप से अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसका कारण है कि इधर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इस समस्या के समाधान के लिए उचित कदम नहीं उठा रहे हैं, जिससे यह अवैध कारोबार बढ़ रहा है। लोगों की सुरक्षा और संरक्षण के मामले में अधिक सख्ती बरतने की मांग की जाती रही है, ताकि इस बुराई को नियंत्रित किया जा सके, लेकिन नगरवासियों की आवाज ‘नक्कारखाने में तूती की आवाज’ साबित हो रही है। लोगों का कहना है कि इस समस्या का समाधान सिर्फ स्थानीय प्रशासन के सहयोग से ही संभव हो सकता है, जिससे युवाओं और मजदूरों को आर्थिक स्वावलंबन के लिए मौका मिले और क्षेत्र में सुरक्षा और अमन को बनाए रखा जा सके। तत्कालीन एसडीओ कमलेश्वर नारायण व एसडीपीओ पूज्य प्रकाश के बाद अब इस बार हुसैनाबाद की जनता एसडीओ सह आईएएस पीयूष सिन्हा व एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो की तरफ आशातीत नज़रें लगाई हुई है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि उन्हें पूर्व की भांति इस बार उक्त दोनों पदाधिकारियों का कितना साथ मिल पाता हैं।