गिरिडीह,प्रतिनिधि। सूबे के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल झारखंड धाम मंदिर एवं पर्यटन स्थल की जमीन कुल मिलाकर 14 एकड़ 22 डिसमिल जो महादेव स्थान के नाम से सर्वे में दर्ज है इस जमीन पर सैकड़ों अतिक्रमणकारियों द्वारा जमीन को झुग्गी झोपड़ी लगाकर जमीन को अतिक्रमण कर लिया गया है वही सड़क के किनारे एवं पीसीसी पर भी दुकान खोल कर अतिक्रमण किए हुए हैं।
महाशिवरात्रि मेले को लेकर बीते एक सप्ताह पूर्व विवाह भवन में मेले की तैयारी को लेकर बैठक रखी गई थी। जिसमें मंदिर समिति एवं प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा अतिक्रमण की बातों को खोरीमहुआ अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार सिंह के पास मामला को रखा गया।
बैठक के दौरान खोरीमहुआ अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार सिंह ने जमुआ अंचलाधिकारी द्वारिक बैठा हो सख्त निर्देश दिया कि सड़क के किनारे जो भी दुकानदार अवैध तरीके से सड़क के दोनो किनारे दुकान खोलकर अतिक्रमण किए हुए हैं ऐसे दुकानदारों को सड़क से 15 फीट दोनों साइड छोड़कर दुकान खोलने का निर्देश दिया है यदि वह 15 फीट दोनों साइड नहीं छोड़ते हैं तो उन्हें सरकारी खर्च से दुकान हटाया जाएगा।
तो उन्हें उसकी राशि उसी दुकानदार एवं अतिक्रमणकारियों द्वारा वसूली की जाएगी। उन्हें अतिशीघ्र अतिक्रमण मुक्त कराया जाए ताकि महाशिवरात्रि मेले में दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का कोई परेशानी नहीं हो। इधर अंचलाधिकारी द्वारिक बैठा ने लगभग 50 दुकानदार एवं अतिक्रमणकारियों को अंचल कार्यालय से अतिक्रमण करने वाले लोगो को नोटिस भेजा गया है ताकि वह अपनी दुकान को हटा ले।
वही अंचलाधिकारी महाशिवरात्रि मेले को देखते हुए गुरुवार को पुलिस इंस्पेक्टर गुलाब सिंह, थाना प्रभारी विपिन कुमार एवं स्थानीय मुखिया आशुतोष प्रसाद कुशवाहा एवं मंदिर पुजारियों, तारा पंचायत समिति सदस्य मनोज पंडा के सहयोग से सड़क के किनारे झुग्गी झोपड़ी करके जमीन को अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को हटाने का शुभारंभ किया गया।
ताकि और व्यक्ति जल्द से जल्द अपनी दुकानों को अतिक्रमण से स्वयं हटा ले अन्यथा सरकारी प्रक्रिया से हटाया जाएगा। तो उनकी भरपाई उन्हें खुद करना पड़ेगा उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड धाम की जमीन पर जो भी लोग अतिक्रमण किए हुए हैं उन्हें जल्द से जल्द अतिक्रमण से हटाया जाएगा ताकि यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को पूजा पाठ कथा मुंडन जागरण विवाह करने में सहयोग हो सके। वही कुछ ग्रामीणों ने कहा कि झारखंड धाम मंदिर की जमीन पर श्रद्धालुओं द्वारा धर्मशाला का निर्माण कराया गया है वह धर्मशाला किसी के निजी कार्य में उपयोग हो रहा है और अवैध तरीके से उस धर्मशाला से भाड़ा भी लिया जा रहा है जबकि धर्मशाला को श्रद्धालुओं द्वारा यात्रियों को सुविधा को देखते हुए निर्माण कराया गया था।
लेकिन अधिकांश धर्मशाला बंद पड़ा हुआ है अवैध कब्जा किए हुए हैं उन लोगों ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि जो भी धर्मशाला अवैध तरीके से बंद किए हुए हैं उन्हें शिव भक्तों के लिए निशुल्क सेवा के लिए खोला जाए ताकि महाशिवरात्रि मेले में आने वाली यात्रियों को ठहरने की सुविधा हो सके।