गोमो। भाजपा धनबाद जिला ग्रामीण कार्यकारणी सदस्य योगेश ठाकुर ने कहा है कि मेरा जन्म 1971 में हुआ। सन् 1988, में तत्कालीन भाजपा जिला अध्यक्ष स्वर्गीय निर्मल कुमार चटर्जी के द्वारा मुझे पार्टी का सदस्य बनाया गया। तब से लेकर आज तक भाजपा के लिए सक्रिय रूप से काम करते हुए पार्टी द्वारा किए गए सभी कार्यक्रमों में योगदान दिया। रामजन्म भूमि आंदोलन में शिला पूजन से लेकर माननीय श्री आडवाणी जी के एतिहासिक रथयात्रा कार्यक्रम में भी सक्रिय रूप से काम किया। अयोध्या में 1992में कारसेवक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाया। इस दौरान हमें मिर्जा पूर कैंप जेल में 24 घंटा नजरबंद रखा गया। अलग राज्य की मांग को लेकर किये गये सभी आंदोलन में शामिल हुआ। जैसे धरना, प्रदर्शन, चक्का जाम,रेल रोको, जेलभरो अभियान सहित, आर्थिक नाकेबंदी तक, सभी कार्यक्रमों में योगदान दिया। यहां तक कि बिहार, बंगाल के सीमा से सटे जी,टी,रोड मैथन में आर्थिक नाकेबंदी के दौरान हमने पुलिस की लाठियां खाई। मुकदमा दर्ज हुआ, जेल गया। तब से लेकर आज तक लगातार पार्टी के साथ जुड़ा हुआ हूं। परंतु आज तक मुझे पार्टी के तरफ से न ही सही सम्मान मिला और ना ही, कोई दायित्व दिया गया है। इसका कारण पार्टी के भीतर गुटबाजी ही रहा है। मैं सांसद के गुट, का रहा,और ना कभी, जिलाअध्यक्ष गुट का। और राजनीति में बिना आका के कोई सफल नही होता।अगर पार्टी मुझे कोई दायित्व देगी तो मैं समर्पित होकर अपने दायित्वों का निर्वहन करूंगा।
टुंडी विधानसभा में भाजपा का उम्मीदवार कौन। अब अगले तीन महीने तक भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए इसका उत्तर मिलना बहुत ही कठीन होगा। क्योंकि भाजपा ने अभी तक जितने भी प्रत्याशी टुंडी विधानसभा को दी है वे या तो विधानसभा के बाहर के थे या जिनकी आबादी जनसंख्या के हिसाब से टुंडी विधानसभा में दो या चार प्रतिशत रहा है इनमें स्वरगिय सत्य नारायन दुदानी से लेकर श्री विक्रम पाण्डेय तक। नतीजा एक बार स्वर्गीय दुदानी जी को छोड़कर हर बार हार का सामना करना पड़ा । परन्तु तब की राजनीति अलग थी। आज जातीय राजनीति का जमाना आ गया है । इस विधानसभा में आदिवासी कुर्मी महतो तथा अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी अधिक है। इन तीनों जातीयों का इतिहास भाजपा के विपरित रहा । बाकी जिन जातियों की आबादी अधिक है उनमें जैसे मंडल,तेली महतो,मायरा मोदक , कुंभ कार,नाई ठाकुर,घटवार , तथा ब्राह्मण,जो भाजपा के पारम्परिक वोटर हैं उसपर यदि भाजपा ने भरोसा जताया एवं इन्हीं जातियों में किसी अस्थानिय कार्यकर्ता को अगर उम्मीदवार बनाया तो इस बार टुंडी विधानसभा में कमल खिलना तय है। क्यों कि सारे समिकरण भाजपा के लिए अनुकूल है । अगर भाजपा इस बार चुकी तो संगठन को बचाना बहुत मुश्किल हो जाएगा । इतना ही नहीं बल्कि टुंडी विधानसभा में भाजपा की राजनीति करने वाले सारे अस्थानिय नेताओं के लिए भी इस बार, अभी नहीं तो कभी नहीं के विचार के साथ एकजुट होकर संगठन तक मजबूती से अपनी बात को रखना होगा। जय भाजपा विजय भाजपा।