राजनीतिक संवाददाता द्वारा
राँची :एक महीने के लिए चार्टर्ड विमान किराए पर लेने की मंजूरी दी है। इस चार्टर्ड विमान से सरकार से संबंधित वीवीआईपी और वीआईपी लोगों की राज्य से बाहर यात्रा के लिए उपयोग किया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक बने रहने की पात्रता को लेकर अनिश्चितता के बीच सत्तारूढ़ गठबंधन के 32 विधायकों को कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ ले जाने के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया गया है।
यूपीए विधायकों के राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद भी राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल से सोरेन की विधानसभा सदस्यता को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की गई थी। झामुमो-कांग्रेस-राजद के विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयासों की आशंका जताई है। गुरुवार की सुबह सोरेन रायपुर के लिए रवाना हुए और कांग्रेस के चार कैबिनेट मंत्रियों के साथ वापस लौटे ताकि वे राज्यपाल के साथ होने वाली बैठक में शामिल हो सकें।
चार्टर्ड विमान के लिए कैबिनेट की मंजूरी,”राज्य के वीआईपी और वीवीआईपी की राज्य के बाहर की सरकार यात्रा हेतु दिनांक 31.8.2022 के प्रभाव से एक माह के लिए फिक्स्ड विंग जेट चार्टर विमान की सेवा मनोयान के आधार पर प्रबंधन की हेतु स्वकृति दी गई। सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि राज्य में आए राजनीतिक संकट को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।”
एक अन्य सूत्र ने बताया, “यह नामांकन के आधार पर किया गया है क्योंकि इसमें कोई निविदा प्रक्रिया नहीं होगी। अब तक हेलिकॉप्टरों के लिए भी यही किया जाता था। यह पहली बार है कि आठ सीटों वाले चार्टर विमान की सेवाएं न्यूनतम 2 करोड़ रुपये की उड़ान गारंटी के साथ उपलब्ध होगी। इसका मतलब है कि अगर सरकार उड़ान नहीं भरना चाहती है तो भी उसे राशि का भुगतान करना ही होगा।”
इस बीच, रायपुर में सत्तारूढ़ झारखंड के विधायकों ने रिसॉर्ट में रहने के लिए बीजेपी को दोषी ठहराया और कहा कि विपक्षी पार्टी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश रही है। विधायक दीपिका पांडे, सुदिव्या कुमार सोनू, भूषण बारा और स्टीफन मरांडी, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के साथ, कड़ी सुरक्षा के बीच मीडियाकर्मियों से बातचीत करने के लिए रिसॉर्ट से बाहर आए। बीजेपी के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि वे पिकनिक मना रहे हैं। दीपिका पांडे ने बताया, “बीजेपी को ऐसा कहने का अधिकार नहीं है। आप (मीडिया) हमसे जवाब मांग रहे हैं। क्या आपने असम में सवाल पूछा था जब महाराष्ट्र के लोगों के साथ नाटक किया जा रहा था? अगर हम सभी अपनी सरकार को बचाना चाहते हैं तो यह हमारा अधिकार है।”