गिरिडीह: मनरेगा योजना में लूट की खुली छूट! कहीं बिना बोर्ड लगाए काम, कहीं मज़दूर नहीं, कहीं दूसरे प्रखंड का मज़दूर मिला, साहबों की चांदी, हो रहे मालामाल

मनरेगा योजना में लूट की खुली छूट! सहायक अभियंता और कनीय अभियंता स्थल के बजाय घर बैठे करते है एम बी बुक

मनरेगा योजना की जांच में पंचायत समिति के सदस्यों ने पकड़ी अनियमितताओं की कागजी खानापूर्ति

जमुआ प्रखंड में 07 वर्षों से पदस्थापित कनीय अभियंता का नहीं हो रहा है स्थानांतरण

जिला प्रशासन के लापरवाही से कनीय अभियंता मालामाल, अबुआ आवास एवं पी एम आवास भी अपात्रों को उपकृत

 शुभम सौरभ 

गिरिडीह,विशेष प्रतिनिधि।मनरेगा योजना में लूट की खुली छूट, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता स्थल के बजाय घर बैठे करते है एम बी बुक। मनरेगा योजना की जांच में पंचायत समिति के सदस्यों ने पकड़ी अनियमितताओं की कागजी खानापूर्ति। जिले के जमुआ प्रखंड में सात वर्षों से पदस्थापित कनीय अभियंता का नहीं हो रहा है स्थानांतरण, जिला प्रशासन के लापरवाही से कनीय अभियंता मालामाल। जमुआ प्रखंड के पोबी पंचायत में मनरेगा और अबुआ आवास योजना में अनियमितता उजागर हुई है। प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव के नेतृत्व में उप प्रमुख रब्बुल हसन रब्बानी तथा बीस सूत्री अध्यक्ष जुनैद आलम ने पंचायत की विभिन्न योजनाओं का स्थल पर जाकर निरीक्षण किया। 

गड़बड़ियां को देख प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव मनरेगा कर्मियों पर बिफरे

कई मामले उजागर हुए है। योजनाओं में परत दर परत कलई खुल रही है। गड़बड़ियां को देख प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव मनरेगा कर्मियों पर बिफरे। उन्होंने कहा कि मनरेगा में लुट अब चलने नहीं दी जाएगी। कहा कि अबुआ आवास और पी एम आवास में अपात्रों को उपकृत किया गया है। कार्य की गुणवत्ता भी निम्न है। ग्राम पंचायत पोबी स्थित कई मनरेगा योजना का निरीक्षण किया गया। उक्त योजनाओं में भारी गड़बड़ियां मिली, कहीं मज़दूर नहीं तो, कहीं दूसरे प्रखंड का मज़दूर मिला, कहीं गढ़े में डोभा का आकार दे दिया गया है।

कहीं काम से ज्यादा भुगतान करा दिया गया। बिना ए ई के स्थल सत्यापन राशि भुगतान किया गया। बताया गया कि तुलो अंसारी के जमीन पर डोभा निर्माण रोजगार सेवक, जे ई, ए ई के द्वारा योजना पूर्ण बताया गया ,जबकि उपरोक्त स्थल में डोभा की गहराई मात्र 3 फिट पाया गया, निकासी 3 लाख 40,000 रुपए का भुगतान किया गया। अपूर्ण योजना को जे ई, ए ई ने मापी पुस्तिका में योजना को पूर्ण कर दिया। इसी तरह कमलेश कुमार के नाम डोभा निर्माण योजना में मनरेगा संबंधित कर्मी ने योजना को पूर्ण बताया ,परंतु स्थल सत्यापन पर डोभा का आकार पूर्व से बने गड्ढे में किया गया। सिर्फ घास हटाकर उपरोक्त योजना में सीढ़ी बनाकर डोभा का आकार दिया गया। उपरोक्त स्थल पर दूसरे प्रखंड गांडेय का मजदूर किशुन सोरेन वो रघु मुर्मू डोभा निर्माण का आकार दे रहे थे, योजना स्थल पर बोर्ड नहीं पाया गया। जबकि योजना 73,000 हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया। इसी प्रकार शीला देवी के जमीन पर डोभा निर्माण में पूर्व से तालाब निर्माण था। उक्त स्थल पर गड्ढा में सीढ़ी बनाकर डोभा का आकार दिया गया है । डोभा के अगल-बगल मिट्टी नहीं है। उपरोक्त स्थल पर आज के तिथि में मजदूर का डिमांड डाला गया है,परंतु मजदूर की उपस्थिति नहीं पाई गई। साथ ही उक्त योजना में बोर्ड नहीं है ।उक्त योजना ₹80,000 हजार का राशि भुगतान कर दिया गया है।

स्थल पर कभी भी नहीं पहुंचते ए ई साहब, अपने कार्यालय में बैठकर मापी पुस्तिका को पूर्ण कर दिया जाता है

 इसी क्रम में रिंकी देवी के जमीन पर डोभा निर्माण में दो बार काम प्रगति दिखलाया गया, परंतु गहराई ढाई फीट थी। स्थल पर बोर्ड नहीं था। मजदूर दूसरे प्रखंड का मिला ।उक्त योजना में ₹80,000 हजार का भुगतान कर दिया गया है। सिराज अंसारी के जमीन पर डोभा निर्माण डोभा के अनुरूप गहराई कम पाया गया। साथ ही डोभा के मुहाने पर जेसीबी के माध्यम से मिट्टी रखा गया है। उक्त योजना को रोजगार सेवक के द्वारा पूर्ण बताया गया। पेमेंट भुगतान 2,30,000 दो लाख तीस हजार रुपए तकरीबन कर दिया गया है। योजना पर भी बोर्ड नहीं पाया गया। उक्त योजना में डोभा के मुहाने पर जो मिट्टी रखी गई है, उसी में संबंधित रोजगार सेवक ने खुद से यह बयान दिया कि जेसीबी के माध्यम से मुहाने पर मिट्टी रखी गई है। जागुन बीवी के जमीन पर डोभा को संबंधित रोजगार सेवक ने पूर्ण बताया,जबकि आज की तिथि में उसका डिमांड डाला गया है और स्थल सत्यापन पर डोभा की गहराई योजना के अनुरूप नहीं पाया गया। स्थल पर मजदूर भी नहीं मिला। साथ ही उक्त योजना का स्थल बोर्ड भी स्थल पर नहीं था। इसी क्रम में रूबी देवी के जमीन पर डोभा निर्माण ग्राम रोजगार सेवक के द्वारा पूर्ण बताया गया, जबकि निरीक्षण के दौरान डोभा का डिमांड आज के तिथि में बताया गया।उपरोक्त स्थल पर एक भी मजदूर नहीं मिला। डोभा की गहराई कम आकी गई। उपरोक्त स्थल पर बोर्ड नहीं पाया गया।

 उपरोक्त योजनाओं के निरीक्षण के क्रम में लाभुकों ने बताया की स्थल पर कभी भी ए ई साहब का भ्रमण नहीं हुआ है, साथ ही अपने कार्यालय में बैठकर मापी पुस्तिका का पूर्ण कर दिया जाता है। मापी पुस्तिका पूर्ण करने के एवज में मोटी रकम लेते हैं। यह लाभुकों ने ख़ुद से बयान दिया है।

इनकी थी मौजूदगी

उपरोक्त योजनाओं के जांच के क्रम में जमुआ प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव, उप प्रमुख रब्बुल हसन रब्बानी, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष जुनेद आलम तथा मनरेगा के संबंधित कर्मी, ग्राम रोजगार सेवक व कनीय अभियंता मौजूद थे।

उपायुक्त से मांग किया, योजनाओं कि अनियमितता के आधार पर दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई किया जाय

प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव ने उपायुक्त से मांग किया है, कि योजनाओं कि अनियमितता के आधार पर दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई किया जाय और जमुआ प्रखंड के सभी पंचायतों में अबुआ आवास एवं मनरेगा योजनाओं की सघन जांच कराई जाय।

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