पूर्व केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम और उनके पोते आश्रय शर्मा सोमवार को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस में शामिल हो गये. सुखराम ने इसे अपनी ‘घर वापसी’ बताते हुए कहा कि कांग्रेस में बुजुर्गों का सम्मान है. सुखराम का पार्टी में स्वागत करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘हम सबके लिए हर्ष की बात है कि उत्तर भारत के कद्दावर के नेता पंडित सुखराम जी और उनके पोते कांग्रेस में फिर से शामिल हुए हैं. हिमाचल प्रदेश खासतौर पर मंडी के लिए सुखराम जी विकास पुरुष हैं.’ उन्होंने कहा कि पार्टी को विश्वास है कि सुखराम और आश्रय शर्मा के कांग्रेस में आने से पार्टी को हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत में बल मिलने वाला है.
हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल शर्मा के पुत्र आश्रय शर्मा मंडी संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. भगवा पार्टी द्वारा मंडी सीट से मौजूदा सांसद रामस्वरूप शर्मा को फिर से टिकट दिये जाने के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी.
आश्रय के पिता अनिल शर्मा राज्य में 2012 से 2017 तक वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का हिस्सा रहे थे लेकिन पिछले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गये थे.
यह पूछे जाने पर कि क्या आश्रय को मंडी से कांग्रेस उम्मीदवार बनाये जाने की घोषणा की जायेगी तो हिमाचल प्रदेश के लिए एआईसीसी प्रभारी रजनी पाटिल ने शिमला में बताया कि उनके नाम पर विचार किया जायेगा और अंतिम फैसला 29 मार्च को किया जायेगा. मंडी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला भी है. सुखराम का मंडी संसदीय क्षेत्र में काफी प्रभाव है जहां से वह तीन बार सांसद निर्वाचित हुए थे.
सुरजेवाला ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक तरफ वे ताकतें सत्तासीन हैं जिन्होंने अपनी पार्टी में पिता समान नेता लालकृष्ण आडवाणी को दरकिनार कर दिया और राजनीति से जबरन सेवानिवृत्त कर दिया. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी है जो पंडित सुखराम जैसे बुजुर्गों का अशीर्वाद लेकर देश को नयी दिशा देना चाहती है.
इस मौके पर सुखराम ने दिल्ली में कहा, ‘‘मैं राहुल जी से मिला तो उनकी एक बात से प्रभावित हुआ. उन्होंने कहा कि आपसे सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक रिश्ता भी है. इसके बाद मेरी घरवापसी हुई. मैं अपने घर वापस आया हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘मैं जीवन के ऐसे मोड़ पर हूं कि किसी से द्वेश नहीं रखना चाहता हूं. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से कुछ दूरियां हो गई थीं जिसका लोगों ने फायदा उठाया. लेकिन आज मैं फिर वापस आया हूं. अपने पोते को कांग्रेस के सुपुर्द कर रहा हूं.’
लालकृष्ण आडवाणी को बीजेपी से टिकट नहीं दिए जाने के सवाल पर सुखराम ने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि कांग्रेस में बुजुर्गों का सम्मान है और युवाओं से भी काम लिया जाता है. उन्हें दुख है कि एक नेता जो बीजेपी को इतना आगे ले गए उनको टिकट से वंचित किया गया है.