पानी के अभाव में धान का बिचड़ा सूखने लगा, किसानों की बढ़ी परेशानी

संवाददाता: हनवारा 

महागामा प्रखण्ड अंतर्गत हनवारा क्षेत्र में इंद्र महाराज की नाराजगी, सूखती नदी, घटती बिजली आपूर्ति, बारिश की कमी व नहरी पानी की कमी तथा निरंतर गिरता जलस्तर और मुरझा रहे धान का विचड़ा देखकर किसान गिड़गिड़ा रहे हैं। बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ रही है। जिसके चलते किसानों को खरीफ की फसल को पार कर पाना कठिन होता जा रहा है। पानी के अभाव में धान का बिचड़ा सूखने लगी है। जुलाई माह बीतने के करीब हैं बावजूद भी पानी की कमी के कारण धान की रोपाई अभी तक नहीं हो पाई है। खेत पानी के आभाव में धान का बिचड़ा सुख रहें हैं। किसानों का कहना है कि यदि सरकार समय पर धान की रोपाई के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध नहीं करवाएगी तो खेत खाली रह जाएंगे। प्रखण्ड क्षेत्र के किसान अकबर, वसीम, कपील, अजय कुमार, इब्राहिम, अनुज कुमार, अकरम ने बताया कि एक तो जिस तरह बारिश होनी चाहिए

बारिश नहीं हो रही हैं साथ ही साथ

बिजली की कमी के चलते धान का बिचड़ा पटवन नहीं हो पा रहे हैं। इस दौरान बिजली की अघोषित कटौती भी जारी रहती है। जिससे सिंचाई नहीं होने पर पटवन करने में बाधा आ रही है। धान की बिचड़ा झुलसती जा रही है। खेत सूखता जा रहा है। उन्होंने बताया कि धान की बिचड़े को बचाने के लिए

किसानों को मजबूरन मोटर पंप का सहारा लेना पड़ रहा है। जनरेटर चलाने पर किसानों को आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है, क्योंकि डीजल की कीमत में अत्याधिक वृद्धि हो गई है। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते सरकार ने घटती बिजली आपूर्ति की तरफ ध्यान नहीं दिया तो किसानों को खरीफ फसलों

खेती के समय वीरान पड़ा खेत।

में मार झेलना पड़ेगा। इस बार जिस तरह से मौसम दिख रहा है जिससे साफ तौर पर अकाल पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। किसानों ने जनप्रतिनिधियों के साथ साथ जिला प्रशासन से मांग की कि क्षेत्र में शीघ्र बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से दी जाए। ताकि वह अपनी फसल बचा सकें। किसान का कहना है कि

बिजली के कटौती के कारण न केवल फसलें प्रभावित हुई हैं, बल्कि लघु उद्योग भी प्रभावित हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार की ओर से प्रतिदिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाए जाने की घोषणा हुई है, लेकिन हकीकत यह है कि मुश्किल से 10 से 12 घंटे ही बिजली सप्लाई की जा रही है।

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