डीएफसीसीआईएल योजना के तहत गोमो में हो रहे आवास निर्माण में भारी अनियमितता- दीप नारायण सिंह ।

डीएफसीसीआईएल योजना के तहत गोमो में हो रहे आवास निर्माण में भारी अनियमितता- दीप नारायण सिंह ।

 

गोमो। जदयू प्रदेश महासचिव सह झारखंड रैयत रेल विस्थापित समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष दीप नारायण सिंह ने मुख्य परियोजना प्रबंधक, डीएफसीसीआईएल को पत्र लिखकर डीएफसीसीआईएल योजना के तहत गोमो में हो रहे आवास निर्माण में धांधली एवं अनियमितता पर रोकने की मांग की है। श्री सिंह ने पत्र के माध्यम से कहा है कि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा पूर्व मध्य रेल खंड, धनबाद रेल मंडल अंतर्गत गोमो में सैकड़ों आवास का निर्माण हो रहा है। जिसका ठेका कार्य एस.टी. कंस्ट्रक्शन, नोएडा नई दिल्ली को मिला है। कंपनी के द्वारा आवास निर्माण में धांधली एवं अनियमितता बरती जा रही है। प्राक्कलन के अनुसार ईट, सीमेंट, सरिया, बालू, गिट्टी का प्रयोग नहीं हो रहा है। राज्य सरकार की 75% सभी प्रकार के कार्य में स्थानीय लोगों को नियोजन एवं तय मजदूरी के अनुसार मजदूरों को मजदूरी राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। सरिया भी घटिया एवं प्राक्कलन मानकता के अनुसार नहीं लगाया जा रहा है। अवैध बालू का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। जिसके कारण सरकार को राजस्व की भारी क्षति हो रही है। डीएफसीसीआईएल योजना में जिन रैयतों का जमीन अधिग्रहण किया गया है एवं जो लोग प्रभावित हो रहे हैं, वैसे रैयतों एवं प्रभावित परिवारों को कंपनी में काम नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण रैयतों एवं ग्रामीणों में रोष है। विषय की गंभीरता को देखते हुए झारखंडी रैयत रेल विस्थापित समिति मांग करती है कि- 1) आवास निर्माण में हो रही अनियमितता को रोकते हुए प्राक्कलन के अनुसार निर्माण कार्य की जाए, 2) राज्य सरकार और भूमि अधिग्रहण बिल 2014 के तहत स्थानीय एवं प्रभावित परिवार को निर्माण कार्य में 75% भागीदारी तय की जाए, 3) मजदूरों का मजदूरी राशि तय समय से राज्य सरकार की नियमानुसार की जाए,4) आवास निर्माण घनी आबादी क्षेत्र में होने के कारण निर्माण कार्य के दौरान उड़ रहे धूल – गर्दा से लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए कार्यस्थल के चारों ओर 10 फीट ऊंचा बोरा (चार्ट) से घेराव की जाए,5) कंपनी के द्वारा सामाजिक सरोकार के तहत कार्यस्थल के अगल-बगल प्रभावित गांव में बच्चों एवं महिलाओं के विकास हेतु सामाजिक कार्यक्रम आयोजित की जाए। साथ ही साथ पांच सूत्री मांगों को लेकर श्री सिंह ने कहा है कि अगर 15 दिनों के अंदर झारखंडी रैयत रेल विस्थापित समिति की मांगों को पुरा नहीं की गई तो संगठन आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

Nazru Ansari

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