डॉ. भरत मिश्रा प्राची
कोरोना ने जिस तरह की तबाही विश्वभर में मचाई , सभीभलीभॉति परिचित है, इसी कारण कोरोना का नाम आते ही सजगता हरदिशा में नजर आने लगती है। संसद के शीतकालीन सत्र में कोरोना केनये वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर चर्चा जारी है। चीन से शुरूकोरोना के पहले चरण एवं दूसरे चरण से अभी पूरी तरह निजात नहीं मिलीकि दक्षिण अफ्रीका से कोरोना के नये वेरिएंट ओमीक्रॉन के फैलने की खबर से चारों ओर भय का वातावरण फिर से उभर चला है। इस कोरोना के नये रूप से देश को बचाया जा सके इस दिशा में राज्य सरकार से लेकर केन्द्र सरकार जागरूक नजर आने लगी है। शीतकालीन सत्र में इस पर चर्चा इस बात का द्योतक है।
कोरोना का प्रभाव कम जरूर हुआ है पर अभी गया नहीं, जगह -ंउचय जगह सेआ रहे आकड़े इस बात के प्रमाण है। देश के दक्षिण भाग से कोरोना संक्रमण के तेज आकड़े अभी भी आ रहे है। जब कि देश के अन्य भागसे कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद सामान्य जिंदगी धीरे -ंउचय धीरेपटरी पर लौटने लगी। बाजार, मॅाल, उद्योग, रोजगार के अन्य दरवाजेकोरोना गाइड की पालना करने के आदेश के साथ अवश्य खुल गये जहां चहल पहल शुरू हो गई। कोरोना फिर से न फैले, टीकाकरण, मास्क एवं दो गज की दूरी जरूरी की हिदायत सरकारी तौर पर बराबर आमजन को दी जा रही हैपर इस दिशा में समय निकलने के साथ साथ लापरवाही भी नजर आने लगी है।चेहरे पर मास्क है पर नाक मुंह खुले नजर आने लगे है। बाजार, मॉल,दुकान पर चहलकदमी के साथ -ंउचय साथ भीड़ भी उमड़ती नजर आने लगीहै। बस में भी पहले की तरह भीड़ नजर आने लगी है। बिना मास्क के भी अध्किांश लोग इस भीड़ में शामिल नजर आने लगे है। इस तरह कीलापरवाही कोरोना को फिर से आने का निमंत्रण दे सकता है। कोरोना के पहले लहर ने देश के वृद्धजनों को शिकार बनाया तोदूसरी लहर ने हमसे कई युवाओं को छीन लिया , कोरोना के आगामीचरण नन्हें सुकुमारों को शिकार करने के लिये तैयार बैठा नजर आ रहा है जहां अभी इस वर्ग का टीकाकरण भी नहीं हुआ है। बिनाटीकाकरण के विद्यालय खोले जाने इस दिशा में कितना घातक साबित हो सकते, विचारणीय पहलू है। इस तरह के हालात के साथ -ंउचयसाथ ओमीक्रॉनआने की खबर ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। इस तरह के उभरते हालात के बीच चुनाव सरगर्मिया, रैलियां कितनी खतरनाक साबित हो सकती है, विचारणीय मुद्दा है। अभी हाल ही में राजस्थान जहां कोरोना के नये केस ब-सजय़ते नजर आ रहे है , ओमीक्रॉन के तेवर हवा में गूुंज रहे है वहां कांग्रेस महंगाई को लेकर महारैली का आयोजन कर रही है, स्थिति चिंताजनक है।कोरोना के नये तेवर ओमीक्रॉन से बचाव हेतु पहल तो शुरू हो गई है, उड़ाने बंद नहीं है परं बाहर से आने वालों की जांच एवं 7 दिन क्वाटिन किये जाने की बात नजर आ रही है। उड़ानें बंद की भी स्थिति आ सकती हैै । पर कोरोना गाइड की पालना होना फिलहाल बहुत जरूरी है। टीकाकरण पहल में सजगता बहुत जरूरी है। देश में लोकतांत्रिकपहल भी जरूरी है पर कोरोना न फिर से फैले इस दिशा में जागरूकता बहुतजरूरी है। रैली, चुनावी सभा पर फिलहाल रोक लगना बहुत जरूरी है तभी कोरोना के नये तेवर को रोका जा सकेगा। लोकतांत्रिक पहल कोरोनागाइड के तहत हो इस दिशा में संसद के शीतकालीन सत्र में सकरात्मक चर्चा होनी चाहिए ताकि देश को कोरोना के नये तेवर से आमजन की रक्षा की जासके। देश हित में यहीं जरूरी है। इस दिशा में सभी राजनीतिक दल को सकरात्मक सोच विचार एवं सही कदम उठाना चाहिए।