कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वो पुराने शिक्षा ऋण पर बकाया ब्याज को माफ़ कर देगी. ये ब्याज़ माफ़ी 31 मार्च 2019 तक के ऋणों पर की जाएगी.
उन्होंने ये भी वादा किया कि जब तक किसी विद्यार्थी को नौकरी नहीं मिल जाती या स्वरोज़गार के ज़रिए कमाई नहीं होती, तब तक बैंक कोई ब्याज नहीं ले सकेगा.
राहुल गांधी ने रविवार को फेसबुक पोस्ट के माध्यम से ये भी कहा कि पार्टी ने शिक्षा ऋण के लिए एकल खिड़की सिस्टम का भी वादा किया है. इससे युवाओं को ऋण लेने में आसानी होगी.
वर्तमान व्यवस्था के मुताबिक़ शिक्षा ऋण पर युवाओं को नौकरी लगने तक सिर्फ़ ब्याज देना होता है. नौकरी या स्वरोज़गार शुरू होने के बाद ऋण की क़िस्त शुरू होती है.
इंडियन एक्सप्रेस में ख़बर है कि एनसीईआरटी ने 10वीं कक्षा की इतिहास की किताब से तीन अध्याय हटा दिए हैं. हटाए गए अध्यायों में से एक भारत-चीन क्षेत्र में राष्ट्रवाद के उदय पर है.
दूसरा अध्याय उपन्यास के ज़रिए समकालीन विश्व के इतिहास के विवरण और तीसरा विश्व भर में शहरों के विकास पर है.
यह फ़ैसला विद्यार्थियों पर स्लेबस का बोझ कम करने को लेकर किया गया है. मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी घोषणा की थी.
10वीं कक्षा कि किताब ‘भारत और समकालीन विश्व’ में पहले 200 पन्ने थे जिसमें से अब 77 पन्ने कम हो जाएंगे.
ये दूसरी दफ़ा है जब सरकार ने समीक्षा के बाद किसी किताब के अध्याय कम किए हैं. बदली हुई किताब नए सत्र से लागू होगी.