रांची : सोमवार की दोपहर जैसे ही कंप्यूटर ऑपरेटर विंदेश तिर्की ने दो हजार की घूस अपने हाथ में ली, तभी ACB की टीम ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया। ये वही हाथ थे जो सरकारी डाटा में एंट्री करते थे, पर अब खुद एक ‘घूसकांड’ की फाइल में दर्ज हो गये। विंदेश तिर्की रांची के DMO ऑफिस में तैनात है। अश्वन तिर्की नामक व्यक्ति का ट्रैक्टर, जो बालू लादकर सरकारी कार्य में जा रहा था, राहे अंचलाधिकारी ने पकड़ लिया। ट्रैक्टर सिल्ली थाने को सौंपा गया। फिर आया एक फोन—“रांची जाइये, चालान जमा कीजिये, जुर्माना दीजिये… और ट्रैक्टर छुड़ाइये।” बीते 2 मई को अश्वन DMO ऑफिस पहुंचे। जहां कर्मचारी अब्दुल हाफिज ने कहा, “10 हजार ऑनलाइन जुर्माना दीजिये… और ऊपर से 4200 की रिश्वत लगेगी।” लेकिन अश्वन तिर्की ने रिश्वत नहीं दी। उन्होंने सीधे ACB का दरवाज़ा खटखटाया। जांच में सब कुछ सही पाया गया, लेकिन जिस हाफिज ने रिश्वत मांगी थी, वो मौके से गायब था। तभी सामने आया कंप्यूटर ऑपरेटर विंदेश तिर्की, जिसने हाफिज के हिस्से का ‘काम’ खुद करने की पेशकश की, कहा —“दो हजार दे दीजिये, ट्रैक्टर छुड़ा देंगे।” बस, इसी ‘दे-दिलवा’ में ACB की टीम ने उसे दबोच लिया।
रांची डीएमओ ऑफिस में कल एसीबी की रेड में कंप्यूटर ऑपरेटर रंगे हाथों गिरफ्तार
