‘मैं चौकीदार हूं’ और राष्ट्रवाद का शोर भले ज्यादा लग रहा हो, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में भी पहले फेज की वोटिंग को लेकर चिंता पसरी हुई है। इस फेज में कई ऐसी सीटें हैं जिन पर उसके मोहरे सुकून में नहीं हैं। पहले फेज में 91 सीटों पर वोटिंग होनी है। पिछले लोकसभा चुनाव में इनमें से 32 सीटें बीजेपी को मिली थीं। लेकिन पहले फेज में 20 सीटें ऐसी हैं जिन्हें लेकर इस बार बीजेपी डरी हुई है। अगर पिछले लोकसभा चुनावों के परिणामों से तुलना करें, तो…
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झूठ बोलने वालों को गंगा मईया सजा देगी: जलपुरुष राजेंद्र सिंह
पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘मैं गंगा का बेटा हूं, गंगा ने मुझे बुलाया है. गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए काम करूंगा.’ पांच साल बीत गये, लेकिन इस सरकार ने गंगा जी की निर्मलता-अविरलता हेतु कुछ भी काम नहीं किया है. जैसे गंगा जी पहले मैली थीं, अब उससे भी ज्यादा मैली हो गई हैं. अविरलता के लिए कहीं कुछ भी काम नहीं हुआ. बल्कि हिमालय के पांच प्रयागों को नष्ट करने के लिए हिमालय में बांध बना रहे हैं. मोदी सरकार…
Read Moreरिपोर्ट के अनुसार, न्याय योजना कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में वरदान साबित हो सकती है
कांग्रेस की योजना ‘न्याय’ (न्यूनतम आय योजना) से देश की तस्वीर बदल सकती है। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित शोध संगठनों में से एक ‘द वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब’ने अपने एक अध्ययन में कहा है कि ‘न्याय’ योजना गेमचेंजर साबित हो सकती है। वहीं शोध संस्थान ने बीजेपी की गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण की योजना पर सवाल उठाए हैं। संस्थान का मानना है कि गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण की योजना का फायदा सिर्फ अमीर लोग उठा सकेंगे। लैब ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में सामाजिक…
Read Moreक्यों अलग धर्म की मांग कर रहे हैं आदिवासी?
जब देश के सारे मीडिया चैनल भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर जोर-शोर से बहसों का सिलसिला चला रहे थे, देश के लगभग 19 राज्यों के आदिवासी प्रतिनिधि हाल ही में राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर आए और अपने एक दिनी धरने के बाद चुपचाप चले भी गए. हमेशा की तरह, इस बार भी, टीवी चैनलों ने ही नहीं, बल्कि दिल्ली से छपने वाले अखबारों ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया. कहीं भी एक भी ख़बर नहीं छपी कि आखिर वो क्यों आए थे और उनकी क्या तकलीफ़ थी. देश…
Read Moreपूरे देश को जिस घोषणा के लिए पीएम मोदी ने सकते में डाल दिया, उसकी तैयारी तो 2012 में हो चुकी थी…
आम चुनाव की दहलीज पर खड़े देश को बुधवार की सुबह इस खबर ने चौंका दिया कि किसी बहुत ही अहम मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करने जा रहे हैं। तकरीबन 12 बजे देश के सभी न्यूज चैनल और सोशल मीडिया पर अवतरित हुए प्रधानमंत्री ने भारत के अंतरिक्ष अभियान की रीढ़ डीआरडीओ की उपलब्धि के बहाने अपनी पीठ थपथपाते हुए देश को बताया कि भारत ने अंतरिक्ष अभियान में एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। उन्होंने बताया कि भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन…
Read Moreस्टेडियम में मैच के दौरान लगे ‘चौकीदार चोर है’ के नारे
जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स के बीच सोमवार को खेले गए आईपीएल मैच का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि मैच के दौरान स्टेडियम में ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगे. 2019 के आईपीएल टूर्नामेंट का ये चौथा मैच था. इस मैच का 24 सेकेंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में किंग्स इलेवन पंजाब के बल्लेबाज़ निकोलस पूरन क्रीज़ पर दिखाई देते हैं और राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाज़…
Read Moreचुनावी रणनीतिकार पलट सकते हैं राजनीतिक दलों की बाजी, पर्दे के पीछे से कर रहे हैं काम
लोकसभा चुनाव के समर में उतर रहे उम्मीदवार जहां अर्जुन की आंख की तरह अपनी सीट पर नजरें गड़ाए वोटरों को लुभाने की हर संभव कोशिश में लगे हैं, वहीं इस दंगल में योद्धाओं का एक और दल भी है, जो पर्दे के पीछे रहकर चुनावी आंकड़ों को खंगाल रहे हैं, मौजूदा रुझानों का आकलन कर रहे हैं, विश्लेषण कर रहे हैं, मंथन कर रहे हैं और फिर उसके हिसाब से रणनीति बना रहे हैं। लेकिन ये सब वे अपने लिए नहीं, बल्कि अपने क्लाइंट्स के लिए कर रहे हैं।…
Read Moreमीडिया को कैसे पता है, किसका पलड़ा भारी है?
अख़बार टीवी इंटरनेट से लेकर सोशल मीडिया तक कई चुनावी विश्लेषणों, आलेखों, टिप्पणियों और साक्षात्कारों से ऐसा आभास मिल रहा है कि चुनाव के नतीजे जब आएं तब आएं लेकिन अंजाम तो पहले से पता है. कहीं मद्धम, कहीं स्पष्ट, कहीं इशारों में तो कहीं बेबाक, कहीं बिटवीन द लाइन्स तो कहीं खुलकर कहा जाने लगा है कि इस बार पलड़ा तो सत्तारूढ़ गठबंधन का ही भारी है. अपने तर्कों को सहारा देने के लिए उन नारों के इस्तेमाल से भी परहेज़ नहीं किया जा रहा है जो एक व्यक्ति…
Read Moreमहागठबंधन टूटने से बचा और बढ़ा आरजेडी का सियासी वज़न
बिहार में महागठबंधन को टूटने से बचा कर संबंधित घटक दलों ने आगामी संसदीय चुनाव में अपनी सियासी उम्मीदों को टूटने से बचाया है. सवाल उठने लगा था कि ये विपक्षी दल अगर अपने अनुमानित समर्थन के बढ़े-चढ़े दावे ले कर अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे तो पता है इन्हें कि कितनी सीटें जीत पाएँगे? अब चूँकि यह चुभता हुआ सवाल टला है, इसलिए कहा जाने लगा है कि आख़िरकार एकजुट हुए छह विपक्षी दलों का महागठबंधन यहाँ सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की संभावनाओं पर ग्रहण लगा सकता है. राष्ट्रीय जनता…
Read Moreकन्हैया को महागठबंधन ने टिकट क्यों नहीं दिया
बिहार में महागठबंधन ने सीटों का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रीय जनता दल 20 सीटों पर, कांग्रेस 09, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी 05, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) 03 और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा 03 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राजद ने अपने कोटे से सीपीआई (माले) को एक सीट देने की भी बात कही है. यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि महागठबंधन में कन्हैया कुमार को शामिल किया जाएगा और उनकी पार्टी सीपीआई (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया) को इसमें…
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