लाखों रुपए की पैतृक भू-संपदा रेलवे व सीसीएल को देकर भी अब दाने-दाने को मोहताज है

कथित औद्योगिक नगरी टंडवा का एक आदिवासी परिवार भोलेपन व निरक्षरता का फ़ायदा उठाकर बिचौलियों ने की ठगी। ना राशन ना पेंशन, दीवार की ओट में कैसे कटेगी इस बरसात की जिंदगी   टंडवा/चतरा से संवाददाता कुन्दन पासवान देश के विकास में अरबों रुपए के राजस्व का योगदान देने वाले विरोधाभाषी कथित औद्योगिक नगरी टंडवा में निचले पायदान पर रहने वाले वैसे तो दर्जनों लोगों की हालात अब भी बद से बदतर दिखाई देती है। जिनमें ऐसे लोग भी मिलते हैं जिन्हें राज्य सरकार के बहुचर्चित आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम…

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