भाजपा ने सोमवार को जैसे ही अपना घोषणापत्र यानी संकल्प पत्र जारी किया, कांग्रेस पार्टी ने हमला बोलने में देर नहीं लगाई। हालांकि इस बार हमला बोलने का अंदाज कुछ निराला था। रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा के संकल्प पत्र को झूठ का पुलिंदा तो बताया ही, साथ ही भाजपा और आरएसएस को रामायण काल के दो पात्रों से जोड़ दिया। आरएसएस को ‘मंथरा’ और भाजपा को ‘कैकेयी’ बता दिया और कहा कि भाजपा के सारे झूठों की रुपरेखा आरएसएस ही तैयार करता है। भाजपा उन झूठों को अमलीजामा पहना देती है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, मोदी ने अपने राज में जो कुछ किया है, उससे रामायण के पात्र मंथरा और कैकेयी की याद आ जाती है। रामायण में जो कुछ इन दोनों पात्रों ने किया, वही सब आज भाजपा और आरएसएस वाले कर रहे हैं। ये परिवार को भी तोड़ रहे हैं और देश को भी खंडित कर रहे हैं। लोगों को आपस में लड़ा रहे हैं। भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगा दिया है।
उन्होंने कहा- लालकृष्ण आडवाणी को अपने ब्लॉग में इनकी कार्यशैली उजागर करनी पड़ी। मुरली मनोहर जोशी पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा का घोषणापत्र तैयार करने वाली कमेटी के अध्यक्ष थे। बाद में सरकार के कामकाज को लेकर उन्होंने कहा था, मैं सरकार को क्या नंबर दूं, कॉपी में कुछ लिखा हो तो ही नंबर दूंगा। रणदीप ने आरोप लगाया कि मोदी ने प्रजातंत्र का अपहरण कर लिया है। उन्हें लोकतंत्र का चीरहरण करने के लिए याद रखा जाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, इन दोनों ने देश को गर्त में पहुंचा दिया है। पार्टी पर इन्हीं का कब्जा है। भाजपा के पास चुनाव के लिए केवल चार प्रचारक हैं। वही सारे देश में घूम रहे हैं।
एक नरेंद्र मोदी, दूसरे अमित शाह, तीसरा प्रवर्तन निदेशालय और चौथा सीबीआई। ये चारों प्रचारक लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं। इन नेताओं के इशारे पर विरोधी पार्टियों के नेताओं के यहां छापे मारे जा रहे हैं। अहमद पटेल ने कहा, इन एजेंसियों के अधिकारी सुबह साढ़े नौ बजे रोजाना इन्हें रिपोर्ट करते हैं। कहां किस नेता को अंदर करना या छापा मारना है, वे अफसर सारे आदेश वहीं से लेते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, भाजपा के पांच साल के कार्यकाल में केवल दो नेताओं का वजन बढ़ा है। एक मोदी और दूसरे अमित शाह। बाकी नेताओं को कोई नहीं पूछ रहा। भाजपा ने भगवान राम को तीस वर्ष से वनवास दे रखा है। जब ये लोग घोषणापत्र तैयार करते हैं तो उसमें राम मंदिर का मुद्दा शामिल कर लेते हैं। बाद में पांच साल बीत जाते हैं, मगर राम मंदिर कहीं नजर नहीं आता। जैसे ही सत्ता मिलती है, भाजपाई राम को भूल जाते हैं।