साजिश के तहत फंसाने का लगाया आरोप
हजारीबाग। हजारीबाग आनंदपुरी अवस्थित किराए की दुकान को लेकर समाजसेवी सह भाजपा नेता प्रदीप प्रसाद और उनके परिवार पर लगाए गए श्रीवास्तव परिवार की महिला पूर्णिमा श्रीवास्तव के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए प्रदीप प्रसाद ने कहा कि यह उन्हें फंसाने की सुनियोजित तरीके से रची गई साजिश है।
पुर्णिमा श्रीवास्तव के द्वारा भाजपा नेता सह समाजसेवी प्रदीप प्रसाद ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया उन्होंने प्रेस वार्ता आयोजित कर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए अपना पक्ष रखा । श्रीवास्तव परिवार के द्वारा समाजसेवी प्रदीप प्रसाद ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि मुझ पर और मेरे परिवार पर लगाए गए सारे आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं यह सिर्फ मेरी छवि को धूमिल करने की सोची समझी सुनियोजित साजिश है।
समाजसेवी प्रदीप प्रसाद ने बताया कि विगत 12 जुलाई को मेरा भाई के द्वारा चाबी के अभाव में ताला तोड़कर दुकान की साज-सज्जा करवाना चाह रहा था इसी दौरान राजीव रंजन श्रीवास्तव संजय श्रीवास्तव पूर्णिमा श्रीवास्तव पति राजीव रंजन श्रीवास्तव हेमा श्रीवास्तव पति संजय श्रीवास्तव दुकान पर पहुंचे और वहां उपस्थित लोगों से हाथापाई करने लगे तथा बीच-बचाव करने आए लोगों पर भी इन लोगों के द्वारा हमला किया गया जिससे इन लोगों का मनसा साफ तौर पर जाहिर होता है कि यह लोग पूरे तरह सिर्फ और सिर्फ मेरे छवि को धूमिल कर इस दुकान को खाली करवाया जा सके।
उन्होंने बताया कि जिस दौरान यह घटना घटी उस समय वह दिल्ली गए हुए थे। उन्होंने बताया कि दुकान और जमीन संबंधित उनके और स्वर्गीय अरुण कुमार श्रीवास्तव अधिवक्ता और उनके बीच एक इकरारनामा हुआ इस इकरारनामा के अनुसार मैंने ग्यारह अस्सी हजार रूपए खर्च कर खाता नंबर 18 प्लॉट नंबर 341 के लगभग 2600 वर्ग फुट भूमि पर एक दुकान का निर्माण करवाया और शांति पूर्वक अपने भाइयों के साथ इस दुकान का संचालन करता रहा तथा एकरारनामा के अनुसार हर 5 वर्षों में किराए की राशि में 25 प्रतिशत की वृद्धि करता रहा।
बताया कि स्वर्गीय अरुण कुमार श्रीवास्तव के मृत्यु उपरांत उपरोक्त दुकान पर मैं शांति पूर्वक रहा। परंतु अचानक 26 .6. 23 को स्वर्गीय अरुण कुमार श्रीवास्तव के पुत्र राजीव रंजन श्रीवास्तव एवं संजय श्रीवास्तव द्वारा एक वकालतनामा नोटिस उपरोक्त दुकान को खाली करवाने के संबंध में मुझे भेजा गया जिसका उत्तर मेरे द्वारा विगत 3.7. 2023 को भेजा गया। मेरे द्वारा भेजे गए प्रत्युत्तर प्राप्त होने के पश्चात राजीव रंजन श्रीवास्तव एवं संजय श्रीवास्तव आक्रमक हो गए इसी बीच जो कि उपरोक्त दुकान जो लगभग 10 वर्ष पुराना हो चुका इस कारणवश दुकान का साथ सज्जा का कार्य किया जा रहा था इसे राजीव रंजन श्रीवास्तव एवं संजय श्रीवास्तव द्वारा बलपूर्वक बंद करा दिया गया।
श्री प्रसाद ने बताया कि पूर्णिमा श्रीवास्तव के द्वारा उनकी छवि को धूमिल करने के लिए उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वह सिर्फ उनकी छवि को धूमिल करने की सुनियोजित साजिश है उनके किरदार को जिस प्रकार से दागदार करने को लेकर उनके ऊपर जो बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है उनसे उन्हें काफी आघात पहुंचा है। कहा कि किसी भी कीमत पर हम उनके इस घटिया मंसूबे को पूरा नहीं होने देंगे। वह न्यायालय में उनके खिलाफ हमारी छवि को धूमिल करने को लेकर मानहानि का केस दर्ज करेंगे।