बाघमारा सीओ ने कराई बारह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज**ग्राम स्वराज अभियान से जुड़े हुए हैं नामजद

अंचल कार्यालय के समक्ष धरना और सीओ का पुतला दहन करने से जुड़ा है मामला*

कतरास (धनबाद) : म्यूटेशन सहित जमीन की समस्याओं के निपटारे की मांग को लेकर बाघमारा अंचल कार्यालय के मुख्य द्वार के समक्ष ग्राम स्वराज अभियान के बैनर तले धरना देना धरनार्थियों को महंगा पड़ गया। बाघमारा अंचल के सीओ बाल किशोर महतो की लिखित शिकायत के आलोक में बाघमारा थाना की पुलिस ने नामजद बारह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इनलोगों में जगत महतो (विस्थापित बड़ा पांडेडीह, बाघमारा)अरबिन्द सिन्हा (कतरास बाजार, राजा तालाब), दिलीप कुमार महतो (लोहपिटी, महुदा),विकास कुमार महतो‌ (हुसुडीह, उजरियाडीह, खानुडीह),अजय महतो (उजरियाडीह, खानुडीह),कमल महतो (खोनाठी, बाघमारा),मुसीब अख्तर खान, (बिलबेडा, सोनारडीह),कमल महतो, (जोगीडीह, बाघमारा),विकास रजवार, (हरिणा, बाघमारा),मणिलाल साव, (खोनाठी, बाघमारा),विकास महतो, (खानुडीह, बाघमारा),शंकर कुमार महतो, (खानुडीह, बाघमारा) शामिल हैं।क्या है शिकायतसीओ ने शिकायत में कहा है कि ग्राम स्वराज अभियान के बैनर तले कुछ असमाजिक तत्वों के द्वारा अनैतिक एवं नियम के विरूद्ध अधोहस्ताक्षरी से कार्य कराने के लिए प्रत्येक मंगलवार कार्यालय के मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन किया जाता है। नियम विरूद्ध काम नहीं करने पर गलत आरोप लगाया जाता है। अंचल कार्यालय आने वाले अन्य लोगों को बरगलाकर धरना में शामिल कर लिया जाता है। उनलोगों के द्वारा कार्यालय के कार्यों में व्यवधान पहुंचाने का प्रयास किया जाता है जिससे कार्यालय कर्मी और वह खुद मानसिक रूप से प्रताड़ित एवं अमर्यादित महसूस करते हैं। यह धरना बिना अनुमति लिए बीते लगभग दो-तीन महीनों से हर सप्ताह दिया जा रहा है। 22 अप्रैल को बाघमारा थानेदार की मौजूदगी में इनलोगों की समस्या का नियमानुसार निष्पादन कर दिया गया है। इसके बावजूद 29 अप्रैल को उक्त लोगों के अलावा करीब 10-15 लोग नारेबाजी करते हुए कार्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। परिणामस्वरूप बाहर-भीतर आवागमन बंद हो गया था। इस दौरान उनलोगों ने अंचल कार्यालय के मुख्य द्वार पर शव दहन भी किया था।सीओ ने शिकायत में कहा है कि इन असमाजिक तत्वों द्वारा कार्यालय के मुख्य द्वार पर इस तरह की गतिविधि नियम के विरूद्ध कार्य कराने के लिए दबाव बनाने व ब्लैकमेल करने की मंशा से की जाती है। बार-बार धरना प्रदर्शन करने एवं गलत आरोप लगाने से अंचल कार्यालय की छवि धुमिल हो रही है। किसी भी सरकारी कार्यालय के कार्यप्रणाली के लिए ऐसी गतिविधि उचित नही है। धरना प्रदर्शन के दौरान इन असमाजिक तत्वों के द्वारा अमर्यादित भाषा का भी प्रयोग किया जाता है।

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