राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची :झारखंड की सीनियर आईएएस अफसर पूजा सिंघल ( IAS Pooja Singhal ) को ED ने बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिया। आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके पहले उनके सीए सुमन कुमार सिंह को उनके आवास से 19 करोड़ रुपये की बरामदगी के बाद गिरफ्तार किया गया था। पूजा सिंघल झारखंड की उद्योग एवं खान सचिव हैं। पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद अब सवाल उठने लगा है कि अगल नंबर किसका है।
दरअसल, आईएएस अफसर पूजा सिंघल के पास से ED को एक डायरी ( Pooja Singhal Dairy ) मिली है। उनके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान यह डायरी ईडी के हाथ लगी है। इस डायरी से कई हाईप्रोफाइल लोगों का राजफाश होने के आसार हैं। बताया जाता है कि इस डायरी में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये किए गए लेनदेन का ब्यौरा दर्ज है। साथ ही कई राजनेताओं-अधिकारियों और पत्रकारों के नाम-मोबाइल नंबर भी हैं। जांच आगे बढ़ने पर उनसे भी ईडी की टीम पूछताछ कर सकती है और संतुष्ट नहीं होने पर गिरफ्तारी भी संभव है।
बता दें कि बीते शुक्रवार को ईडी ने पूजा सिंघल और उनके पति के आवास सहित झारखंड, बंगाल, बिहार, हरियाणा और राजस्थान में कुल 25 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। उनके पति के सीए रहे सुमन कुमार सिंह के रांची स्थित आवास पर छापेमारी में 19 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद की गयी थी। इसके अलावा लगभग 200 करोड़ रुपये के निवेश से जुड़े कागजात भी बरामद किये गये हैं। ईडी की प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि पूजा सिंघल जब उपायुक्त थीं, तो उनके और उनके पति खाते में वेतन से होनेवाली आय के अतिरिक्त 1.43 करोड़ रुपये आये थे। ईडी ने जांच में यह भी पाया है कि पूजा सिंघल के खाते से 16.57 लाख रुपये सीए सुमन कुमार सिंह के खाते में ट्रांसफर किये गये थे। बताया जा रहा है कि पूजा सिंघल ईडी को यह बता पाने में असफल रहीं कि ये पैसे वैध तरीके से उनके अकाउंट में आये हैं।
पूजा के पति अभिषेक झा रांची में सुपरस्पेश्यिलिटी हॉस्पिटल और डायग्नोस्टिक सेंटर चलाते हैं। इसमें भी करोड़ों रुपये का संदिग्ध निवेश किया गया है। मंगलवार और बुधवार को पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन कुमार सिंह को आमने-सामने बिठाकर करोड़ों की बरामदगी और निवेश के बारे में पूछताछ की गयी। बरामद रुपयों के स्रोत के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं देने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया।
पूजा सिंघल जब खूंटी जिले में उपायुक्त के पद पर तैनात थीं, तब मनरेगा की योजनाओं में लगभग 10 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया था। इस मामले में शुरूआत में जेई राम विनोद सिन्हा के खिलाफ 16 प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। जांच में यह बात सामने आयी कि मनरेगा की योजनाओं का पालन कराने और योजनाओं की मॉनिटरिंग करने का अधिकार उपायुक्त को है। बाद में इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट ने ईडी और एसीबी को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया गया। इसी पर ईडी ने कोर्ट को बताया कि पूरे मामले में तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल की भूमिका की जांच की जा रही है।
पूजा सिंघल झारखंड की सीनियर अधिकारी हैं। वर्तमान में उनके पास उद्योग सचिव और खान सचिव का प्रभार है। इसके अलावा पूजा सिंघल झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी ) की चेयरमैन भी हैं। बता दें कि पूजा सिंघल इससे पहले भी बीजेपी की सरकार में कृषि सचिव के पद पर तैनात थीं। पूजा मनरेगा घोटाले के वक्त खूंटी में डीसी पद पर तैनात थीं।